सिरसा, 1 अप्रैल2016
abslm क्षेत्रीय संवाद प्रतिनिधि
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि प्रदेश की जीवनरेखा कहलाने वाली एसवाईएल नहर के निर्माण को लेकर प्रदेश कांग्रेस द्वारा एसवाईएल सद्भावना यात्रा निकाली जाएगी जिसका पहला चरण 6 अप्रैल को फरीदाबाद से शुरू होगा।
डॉ. तंवर आज अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर पंजाब सरकार ने संघीय ढांचे पर प्रहार किया है। यह असंवैधानिक निर्णय है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसवाईएल पर कई बार हरियाणा के हक में फैसला आ चुका है लेकिन पंजाब सरकार ने संबंधित लोगों को जमीनें वापस करने का जो बिल पास किया है, वह किसी भी लिहाज से न्यायसंगत नहीं है। केंद्र सरकार ने भी कोई हस्तक्षेप नहीं किया। इसी मामले में कांग्रेस जनता के बीच जाएगी और कटाई से पूर्व यात्रा का पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा और इसमें चार लोकसभा क्षेत्र कवर किए जाएंगे। 6 अप्रैल को फरीदाबाद के राजीव चौक से सुबह साढ़े 9 बजे यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में सत्ता की कुर्सी पाने के लिए यह कवायद की गई है अन्यथा 9 साल तक यह मुद्दा ठंडे बस्ते में ही पड़ा हुआ था। हरियाणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डेढ़ महीने से हरियाणा में अराजकता का माहौल बना हुआ है। जातीय हिंसा के चलते प्रदेश में हजारों लोग घायल हुए, हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ। लोगों के मन में कड़वाहट पैदा करने और भाईचारे को खत्म करने के लिए यह भाजपा की साजिश थी। अगर ऐसा न होता तो भारी फोर्स, मिलिट्री और पैरा मिलिट्री फोर्स होने के बावजूद इतने दिन तक प्रदेश जलता नहीं रहता। डॉ. तंवर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में राज्यपाल से मिलकर प्रदेश की हालात के बारे में बात की। उन्होंने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के खिलाफ नारेबाजी करने के मुद्दे पर कहा कि राज्यपाल ने एसवाईएल की चर्चा अपने अभिभाषण में की लेकिन हरियाणा का पक्ष नहीं रखा। कांग्रेस ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग की थी। उन्होंने प्रदेश में किसानों का जिक्र करते हुए कहा कि इस सरकार ने देश के अन्नदाता को बर्बाद कर दिया है। किसानों को मुआवजा नहीं दिया जा रहा और जिन्हें दिया जा रहा है वह चिन्हित करके अपने लोगों को दिया जा रहा है। डॉ. तंवर ने कहा कि करीब 4-5 हजार करोड़ रुपए मुआवजा बनता था लेकिन सिर्फ 900 करोड़ दिया गया।
इसी के चलते प्रदेश में कई जगह किसान सरकार का विरोध कर रहे हैं। इसी प्रकार सरकार ने प्रदेश में उपद्रव पीडि़त लोगों को पूरा मुआवजा देने की बात कही लेकिन सिर्फ साढ़े 3 करोड़ रुपए का ही मुआवजा दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर 15 अप्रैल तक किसानों को उनका हक नहीं मिला तो कांग्रेस आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि पूरे देश में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है। निवेश के झूठे आंकड़े जनता के समक्ष रखे जा रहे हैं जबकि हालात ये हैं कि बड़े उद्योग धंधे भी बंद होने के कगार पर हैं। भाजपा ने सत्ता में आने से पहले जो वादे किए थे उन्हें पूरा करने की बजाय कोई नया प्रोजेक्ट ही स्वीकृत नहीं किया। ऐसे में जनता का बुरा हाल है। स्थानीय निकाय चुनावों के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि योग्यता के मुद्दे पर फिर सरकार टकराव के आसार बना रही है। अगर बाकी दल निकाय चुनावों में सिंबल पर लड़े तो कांग्रेस भी इस पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को तैयार रहना चाहिए क्योंकि आचार संहिता किसी भी वक्त लग सकती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण दबाव में दिया गया जबकि बाकी दलों से इस बारे में कोई बहस या डिस्कशन ही नहीं किया गया। कांग्रेस के विधायकों को विधानसभा के इतिहास में पहली बार 6 महीने के लिए निलंबित किया गया। गेहूं के समर्थन मूल्य पर बोनस के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान देश की रीढ़ है और उनका संरक्षण हर हाल में होना चाहिए। डॉ. तंवर ने बताया कि 11 अप्रैल को महाराष्ट्र के नागपुर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती का फाइनल कार्यक्रम होगा। उसके बाद पूरे प्रदेश में जिलास्तर पर कांग्रेस पार्टी संविधान शिल्पी बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाएगी।
गेस्ट टीचर्स को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसी सरकार के लोग किसी समय अद्र्धनग्न होकर गेस्ट टीचर्स की मांग को जायज बताते थे, आज उन्होंने ही स्कूलों के प्रवेश के समय अतिथि अध्यापकों को नौकरी से निकाल दिया जिससे पता चलता है कि यह सरकार शिक्षा के प्रति कितनी गंभीर है। केंद्र सरकार पर प्रहार करते हुए डॉ. तंवर ने कहा कि वल्र्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है कि आने वाले समय में 4.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे आ जाएंगे जबकि सरकार अच्छे दिनों की बात करती है। उन्होंने तंज करते हुए कहा कि जनता के बुरे दिन जाने वाले हैं और यह सरकार ज्यादा दिन की मेहमान नहीं है। उन्होंने श्रेणी 3 व 4 के कर्मचारियों को भी इंकम टैक्स की स्लैब में लाए जाने का विरोध दर्ज करवाया और कहा कि यह गरीब लोगों पर प्रहार है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आदर्श ग्राम योजना के तहत केवल 55 विधायकों ने ही गांव गोद लिए जबकि 35 ने किसी गांव को गोद नहीं लिया। साथ ही उन्होंने कन्यादान योजना पर सवाल खड़े किए और कहा कि इसमें इतनी शर्तें लगा दी गई हैं कि कोई योजना का लाभ नहीं ले पाएगा।
स्वर्णकारों के हड़ताल संबंधी मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ऐसे नियम को खत्म किया था लेकिन मौजूदा वित्तमंत्री इस पर रोलबैक से इंकार कर रहे हैं जिससे स्वर्णकारों पर इंस्पेक्टरों का भय पैदा हो जाएगा। इस मामले को लेकर डबवाली के एक स्वर्णकार जगदीश सोनी ने आत्महत्या भी की है जो गंभीर मामला है। भाजपा के किसी भी सांसद ने इस मुद्दे पर वित्तमंत्री या प्रधानमंत्री से बात नहीं की और न ही स्वर्णकारों से ही मुलाकात की। उन्होंने प्रदेश में 285 राजीव सेवा केंद्रों के नाम बदलकर ग्राम सचिवालय रखने का कड़ा विरोध किया और कहा कि कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इस अवसर पर उनके साथ कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष मलकीत सिंह खोसा, देवेंद्र बबली, वरिष्ठ नेता लादूराम पूनिया, नवीन केडिया, शीशपाल केहरवाला, अमित सोनी, गोपाल कंबोज, मनमोहन मिढ़ा, राजू बजाज, गुरनाम सिंह झब्बर, रणजीत दंदीवाल, संजय गोदारा, संजय सैन, प्रदीप पूनिया, राजेश खत्री सहित अनेक पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
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