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सिरसा, 14 मई 2016
पूर्व केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ
कांग्रेस नेत्री एवं राज्यसभा सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि प्रदेश में प्रकाश
सिंह कमेटी का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि जाट आरक्षण प्रकरण में न्यायिक जांच
पहले से ही चल रही है। हरियाणा में हुए उपद्रव में केवल अधिकारी ही नहीं बल्कि
भाजपा के नेता भी जिम्मेदार हैं। शैलजा आज रानियां में कांगे्रस नेता भीम बंसल के
निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए जाते समय दिल्ली पुल पर पत्रकारों से बातचीत कर
रही थीं। उन्होंने कहा कि अगस्ता मामले में सरकार असल मुद्दों से जनता का ध्यान
भटकाकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है जबकि इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व का कोई
दोष नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दो साल की अवधि में एक भी
ऐसा काम नहीं किया जिससे जनता को कोई लाभ हुआ हो बल्कि यह सरकार कांग्रेस शासन के
दौरान लागू की गई योजनाओं को या तो बंद कर रही है या फिर उनके नाम बदल रही है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में
राजीव गांधी आवास योजना और जवाहर लाल नेहरू मिशन योजना शुरू की गई थीं जिनमें
हजारों लोगों को रहने को छत मिल जाती मगर इस सरकार ने इन योजनाओं को बंद कर दिया।
उत्तराखंड में हुए राजनीतिक संकट के सवाल पर शैलजा ने कहा कि यह लोकतांत्रिक
संस्थाओं को बदनाम करने का काम था जो भाजपा की सरकार ने किया।
इससे पहले भी भाजपा ने सोची
समझी रणनीति के तहत कांग्रेस शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगवाने की कोशिश
की मगर उसे मुंह की खानी पड़ी। राज्यसभा सांसद ने कहा कि गरीब लोगों को बसाने की
बजाय उन्हें उजाडऩे का काम किया जा रहा है। सिरसा में थेड़ पर से लोगों को हटाए
जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह यहां रह रहे लोगों के
पुनर्वास की व्यवस्था करे। अन्य दल छोड़कर कांग्रेस में आ रहे नेताओं की एंट्री के
प्रश्न पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और आमजन की भावना को समझकर काम
करने वाली है। यह एक पार्टी नहीं बल्कि शहीदों की नीतियों पर चलने वाली एक
विचारधारा का नाम है। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व विधायक नरेश सेलवाल, वरिष्ठ
कांगे्रस नेता लादूराम पूनिया, ओमप्रकाश केहरवाला, होशियारी
लाल शर्मा, शीशपाल केहरवाला, गुरनाम सिंह झब्बर, सुभाष
जोधपुरिया, पालाराम कंबोज, भूपेंद्र राठौर, प्रदीप
पूनिया, गुरजिंद्र नरेलखेड़ा, संगीत कुमार, हरीश
सोनी, उर्मिल भारद्वाज, सुमित्रा यादव, सरस्वती
देवी, गोपीराम चाडीवाल, धर्मेंद्र नंबरदार, अमित
सोनी, पूर्व सरपंच रणजीत कासनिया, राजेश चाडीवाल, नितिन
लाम्बा सहित काफी संख्या में पार्टी नेता व कार्यकर्ता मौजूद थे।
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