मर्यादा सेवा संस्थान के सौजन्य से सूचना का अधिकार- एक दशक, क्या खोया क्या पाया , विषय पर संगोष्ठी का आयोजन स्थानीय पंचायत भवन में किया गया। मुख्य वक्ता राज्य सूचना आयुक्त श्री भूपेंद्र धर्मानी, कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री प्रो गणेशी लाल ने की व विशिष्ठ पत्रकार अतिथि श्री सुरेंद्र भाटिया शमिल हुए। इस अवसर पर दीप प्रज्जवलित कर गोष्ठी का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता राज्य सूचना आयुक्त श्री भूपेंद्र धर्माणी ने कहा कि सुचना का अधिकार हमें 2005 में मिला जबकि इसका उदय 2000 में हो चुका था। उन्होंने कहा कि अगर आपने किसी भी विभाग से सम्बंधित सूचना लेनी है तो पत्र को मनन करके ही सूचना मांगे ताकि आपको सही सूचना प्राप्त हो और आप संतुष्ट हो। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार का फायदा समाज को बहुत हुआ पर कुछ नकारात्मक लोगों के कारण इसका दुरपयोग भी हुआ है, जिसको रोकने के लिए अयोग द्वारा सुझाव भी दिए गए है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार लाने का मकसद आमजन को विभाग द्वारा हो रहे गलत कार्य या कार्य किस लिए रुका हुआ है, कि जानकारी उपलब्ध हो सकती है। इस अवसर पर उन्होंने सूचना के अधिकार की विभिन्न सफलता कहानियों को सुनाया । उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के आने से अब नौकरशाह लोग जो शाह बन गए थे। उन पर भी काफी हद तक लगाम लगी है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक हरियाणा प्रदेश ही ऐसा है जो जल्द से जल्द व समयावधि में आमजन द्वारा मांगी गई सूचना उन्हें उपलब्ध करवाता है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार के नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़ कर ही उसका प्रयोग करें । सूचना के अधिकार से समाज में सुधार हो रहा है व आमजन भी अपनी समस्या को सुलझाने के लिए इसका भरपूर फायदा उठा रहे है। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के नियमों को ध्यानपूर्वक पढ़े ताकि किसी भी विभागकी किसी भी प्रकार जानकारी प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि सम्बधित नियम अनुसार प्रारुप अनुसार ही प्रार्थना पत्र दें। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सभी विभागों सहायक सूचना अधिकारी को नियुक्त किए है तथा राज्य स्तर पर भी सूचना अधिकारी की भी नियुक्ति की गई है।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रह प्रो गणेशी लाल ने कहा क अगर हम व हमारा समाज दिल से पारदर्शी, निष्पक्ष व ईमानदार बन जाए तो हमे न सूचना के अधिकार की अवश्यकता है और न ही अन्य किसी प्रकाशन की। उन्होंने कहा कि सरकार का काम सिर्फ सड़के बनाना नहीं बल्कि जागरुक मनुष्य का निर्माण करना है जो हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विभिन्न अभियान जैसे बेटी बचाओं - बेटी पढ़ाओं चलाकर कर रहे है। उन्होंने कहा कि ऐसे अभियान का सुझाव उनको चाइना या जर्मनी वाले नहीं देते , ये उनकी जागरुकता व समाज के प्रति सकारात्मक सोच है। उन्होंने उपस्थित जनों से कहा कि कोई भी कार्य करते समय अपने दिल की आवाज सुने वे आपको अच्छे- बुरे का आभास करवा देगी और जो दिल करे वहीं कार्य करे व जनहित में करें।
वरिष्ठ पत्रकार अतिथि श्री सुरेंद्र भाटिया ने सूचना के अधिकार के बारे में अपने विचारों के माध्यम से कहा कि सूचना के अधिकार की जानकारी लोगों व विभागों को आदि अधूरी है। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के नियमों अनुसार विभाग को तीन माह बाद अपनी विभाग से सम्बंधित पुस्तक प्रकाशित करनी होती है तथा विभाग से सम्बंधित जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालनी होती है जो विभाग नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि विभाग से सम्बंधित जानकारी अगर वेबसाइट पर डाल दी जाए तो आमजन को सूचना मांगने की जरुरत ही न पड़े। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार के कारण ही कई विभागों के घोटलों की जानकारी आमजन व सरकार को उपलब्ध हुई। इसका सरकार व आमजन को भरपूर फायदा मिला है। इसका उपयोग सही व जनहित के लिए ही करें।
उक्त कार्यक्रम के आयोजक वैद्य महावीर प्रसाद ने भी सूचना के अधिकार पर अपने विचार रखें। इस मौके मर्यादा सेवा संस्थान के अध्यक्ष वैद्य महावीर प्रसाद ने आए अतिथिगणों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। श्री के के शर्मा, श्री यज्ञदत वर्मा, जगदीश राय गुप्ता व उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी अपने अपने विचार व सुझाव दिए। इस मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा श्रीअमीर चंद मैहता, रोहताश जांगड़ा, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री ेदेव कुमार शर्मा, विनोद स्वामी, पं गोवर्धन, कार्यक्रम के संयोजक श्री बलबीर शर्मा, मर्यादा सेवा संस्थान के सचिव कैप्टन एम एस सोलंकी व अन्य लोग उपस्थित थे।
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