ABSLM 10/07/2016
इस बार मेले में गोगाजी मंदिर के निर्माण कार्य की वजह से हो सकती है कोई बड़ी जनहानि, लखावत के मौखिक आदेश खा रहे हवा.
गोगामेड़ी। प्रदेश के हनुमानगढ जिले स्थित गोगामेड़ी गांव में इस बार उत्तर भारत का सुप्रसिद्ध गोगाजी का विशाल मेला श्रवण शुक्ला की पूर्णिमा वि. सम्वत् 2073 तदा्नूसार 18 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा जोकि लगातार पुरे एक महीने तक चलेगा। मेले में राजस्थान सहित उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात,बिहार, जम्मू-कश्मीर सहीत विभिन्न राज्यों से हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सर्व धर्म के लाखों श्रद्धालु जूटेगे, परन्तु मेले के नजदीक आने के बावजूद भी गोगाजी मंदिर के जीर्णोद्घार के चल रहे कार्य काफी धीमा यानि ठप्प ही पडा है नजर आ रहा है या फिर यूं कहा जाये कि कछुआ चाल से कार्य किया जा रहा है। जिससे मेले के दौरान भी श्रद्धालुओं को भारी असुविधा व परेशानी का सामना तो करना ही पड़ेगा वहीं मंदिर के चारों तरफ खोदी गई खाई, गड्ढों को देखकर तो लगता है कि इस बार मेले में कोई बड़ी जनहानी होने की संभावना है जिससे इन्कार नहीं किया जा सकता है ऐसा यहां आने वाले गोगाजी के श्रद्धलुओं सहीत गोगाजी के पुजारीयों व स्थानीय लोगों और स्थनीय प्रशासन की जूबान से सुनने को मिल रहा ह। विदित रहे कि इस समय गोगाजी के मन्दिर जीर्णोद्वार का कार्य चल रहा है। जानकारी के लिए यहां आपको बता दें कि गोगाजी के मन्दिर जीर्णोंद्वार कार्य की आधारशीला इसी वर्ष 19 जनवरी को प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने समारोहपूर्वक रखी थी। इसके बाद से राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत भी बार-बार यहां आकर मन्दिर जीर्णोंद्वार निर्माण कार्य को देख चुके है व निर्माण कार्य को दिन-रात करके युद्ध स्तर पर करने व मन्दिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी व असुविधा न होने काा हवाला देते हुए संपूर्ण व्यवस्था करने की बात अधिकारियों से कड़े तेवर के साथ कह चुके है। गोगाजी मंदिर के निर्माण कार्य की कछुआ गति को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि प्रशासन व ठेकेदार के सामने लखावत के मौखिक आदेश व निर्देश हवा खा रहें है।
प्रतिदिन आते है गोगाजी के श्रद्धालु-
प्रतिवर्ष भाद्रपद महीने मे लगने वाले गोगामेड़ी मेले में एक माह के दौरान उत्तर भारत के विभिन्न भागों व राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां मत्था टेकने, मन्नत मांगने आते है। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों से यहां भाद्रपद के एक महीने के मेले के अलावा भी लगभग प्रत्येक महीने की नवमी को हजारों की तादाद में गोगाजी के श्रद्धालु आने लगे है व साथ ही प्रतिदिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से गोगामेड़ी में अब रोजाना मेले जैसा माहौल रहने लगा है पर देवस्थान विभाग की मेला क्षेत्र मे व्यवस्थाएं नाकाफी ही रहती है। इससे श्रद्धालुओं को हैरान व परेशान होना पड़ता है। इस समय भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे है, किन्तु देवस्थान विभाग की व्यवस्थाओं का अभाव व मन्दिर के जीर्णोंद्वार के कार्य की कछुआ चाल के चलते श्रद्धालु परेशान हो रहे है। तेज गर्मी को देखते हुए छांव व पेयजल जैसी अव्यवस्थाएं अब भी मौजूद है जो मंदिर जीर्णोंद्वार काम के चलते रहने के कारण इस बार 18 अगस्त से शुरू हो रहे मेला अवधि के दौरान भी अनेकों समस्याएं बढ़कर अधिक परेशान करेगी।
>> ढह सकता है मंदिर-
उत्तर भारत के प्रसिद्ध लोक देवता गोगाजी महाराज मंदिर के जीर्णोद्घार निर्माण कार्य सहीत गोगामेड़ी में प्रथम चरण के लिए 18करोड़ रूपये की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास गोगाजी के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने वाली प्रदेश की यशस्वी मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने इसी वर्ष 19 जनवरी को किया था जिसके बाद से मंदिर के स्माधी स्थल को छोड़कर बाकी चारों ओर से तोड़ कर निर्माण कार्य तो शुरू कर दिया लेकिन मेला सर पर आ गया है और देवस्थान विभाग सहीत सरकार का पूरा अमला ही जन सुविधाओं की व्यवस्था के नाम पर अभी तक जिरो ही नजर दिखाई दे रहा है। जहां मंदिर के चारों तरफ खाई व गड्ढे खुदे पडे़ है तो पिल्लरों के उपर सरीये भी निकाले हुए है वैसे देखा जाये तो गोगाजी का मुख्य मंदिर (समाधी स्थल) भी एक रेतीले टिबे पर टिका हुआ है। एक ओर मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी को सुनकर लगता है की तेज बारिश होने से गोगाजी मंदिर के चारों ओर कटाव हो सकता है जिससे मुख्य मंदिर के ढहने का भी डर यहां के स्थानीय लोगों को सता रहा है। समय रहते सरकार को इस हेतु कोई पुख्ता प्रबन्ध कर लेने चाहिये ताकि मेले के दौरान कोई बड़ी जनहानि होने से बचा जा सके।
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