23/11/2016
नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि 2,071 उद्योगपतियों पर बैंकों का कुल 3.89 लाख करोड़ रुपये बकाया है। इन उद्योगपतियों ने
50 करोड़ रुपये या इससे
अधिक का ऋण ले रखा है। यह धनराशि या तो बुरे ऋण या फिर गैरनिष्पादित परिसंपत्तियों
(एनपीए) में तब्दील हो गई है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने
राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि 30 जून, 2016 तक 50 करोड़ रुपये से अधिक ऋण राशि वाले एनपीए खातों
की संख्या 2,071 थी, जिन्हें मिलाकर कुल 3,88,919 करोड़ रुपये की राशि बैठती है।
गंगवार ने कहा, "भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुदेशों के अनुसार,
प्रत्येक बैंक की अपनी वसूली नीति है, जिसमें माफी की प्रक्रिया भी शामिल है।"
उन्होंने कहा कि इस माफी के तहत आरबीआई ने मुख्यालय स्तर पर
तो माफी की अनुमति दी है, जबकि शाखा स्तर
पर वसूली के प्रयास जारी रहते हैं।
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