ABSLM 22-12-2016
नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
(सीबीएसई) ने अगले साल 2017-18 सत्र से 10 वीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षा को अनिवार्य संबंधी प्रस्ताव को अपनी मंजूरी
दे दी है। संचालन इकाई की मंगलवार को हुई बैठक में इसके सदस्य इस बात पर सहमत हुए
कि अकादमिक सत्र 2017-18 से 10 वीं कक्षा के सभी छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा अनिवार्य की जानी चाहिए। इस
फैसले के लागू होने से पहले सरकार से अब मंजूरी लेनी होगी। मानव संसाधन विकास
मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सीबीएसई छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा अनिवार्य बनाने
का पहले समर्थन किया था,
क्योंकि यह सभी
राज्य बोर्डों में होता है। सूत्र ने बताया कि एक अन्य अहम फैसले में सीबीएसई ने
मंत्रालय को यह सिफारिश करने का फैसला किया है कि तीन भाषाओं का फार्मूला मौजूदा
छठी से आठवीं के साथ-साथ नौवीं और 10 वीं कक्षा तक की विस्तारित की जानी चाहिए। इसके तहत हिंदी, अंग्रेजी और भारतीय भाषा पढ़ाई जाती है। अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड ने केंद्र को यह सिफारिश भेजने का भी समर्थन किया है
कि संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज भाषाएं तीन भाषा फार्मूला के तहत पढ़ाई जानी
चाहिए,
जबकि विदेशी
भाषाएं चौथी भाषा के रूप में पढ़ाई जानी चाहिए। 2009 में कॉन्टिन्यूअस ऐंड कॉम्प्रिहेंसिव इवैल्यूएशन (सीसीई) शुरू होने के बाद 2011 से बोर्ड ने दसवीं कक्षा के बोर्ड परीक्षा
को वैकल्पिक कर दिया था। जिसके तहत सीनियर सेकंडरी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों
के पास परीक्षा में बैठने या नहीं बैठने का विकल्प था।
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