उमा भारती ने आंध्र प्रदेश की पोलावरम समेत गुजरात और महाराष्ट्र की सिंचाई
परियोजनाओं के लिए 3274 करोड़ रूपये के चेक जारी
किए
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण
मंत्रालय की मंत्री सुश्री उमा भारती ने घोषणा की है कि केन बेतवा नदी जोड़ो
परियोजना की अंतिम अड़चन खत्म हो गई है। आज नई दिल्ली में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि
परियोजना को वन्य जीव बोर्ड की मंजूरी मिल गई है और इसके वित्तीय प्रबंधन को
अंतिम रूप देने के बाद इसका औपचारिक निर्माण कार्य शुरू होगा।
मंत्री महोदया ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडु को
पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए नाबार्ड की तरफ से जारी 1981 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का चेक प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने
कहा कि सरकार ने इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया है और इस पर
आने वाला सारा खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी। सुश्री भारती ने कहा कि पोलावरम समेत
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत सभी
सिंचाई परियोजनाओं को 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।
इससे देश में 80 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त
भूमि की सिंचाई की जा सकेगी।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने इस अवसर पर महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री श्री
गिरीश दत्तात्रेय महाजन को नाबार्ड की तरफ से जारी 830 करोड़ रुपये और गुजरात के उप मुख्यमंत्री और सिंचाई मंत्री श्री नितिन भाई
पटेल को 463 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता का चेक जारी
किया। इस अवसर पर सुश्री भारती ने कहा कि
केंद्र सरकार त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत महाराष्ट्र की 26 परियोजनाओं को वर्ष 2018 तक पूरा कर लेगी। इनमें से अधिकांश परियोजनाएं राज्य के सूखा प्रभावित जिलों
में है।
इस अवसर पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री एम वेंकैया नायडु, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडु और केंद्रीय जल संसाधन
नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री श्री विजय गोयल ने भी अपने विचार
रखे।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत
परियोजनाओं के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दे तथा परियोजनाओं की प्राथमिकता पर
विचार-विमर्श के लिए, छत्तीसगढ़ के जल संसाधन
मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था I
समिति को संबंधित राज्यों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के
अनुसार 99 परियोजनाओं की 2019-20 तक पूरा करने के लिए पहचान की गई है। 23 परियोजनाओं (प्राथमिकता-I) के 2016-17 तक और 31 परियोजनाओं (प्राथमिकता II)
के 2017-18 तक पूरा होने की संभावना
हैI बाकी 45 परियोजनाओं
(प्राथमिकता-III) के दिसम्बर, 2019 तक पूरा होने का अनुमान हैं।
इन परियोजनाओं पर 77595 करोड़ रूपये (48546 करोड़ रुपये
परियोजना कार्य तथा 29049 करोड़ रूपये CAD ) खर्च होने का अनुमान हैं जिसमे से 31342 करोड़ रूपये की अनुमानित केंद्रीय सहायता होगी।
वर्ष 2016 के दौरान अपने बजट भाषण
में, केंद्रीय वित्त मंत्री ने इन परियोजनाओं को पूरा
करने के लिए नाबार्ड के साथ लंबी अवधि के सिंचाई कोष (LTIF) के निर्माण की घोषणा की थी तथा उसके लिए 20,000 करोड़ रुपये भी आवंटित किए। 12517 करोड़ रूपये की राशि वर्ष 2016-17 के दौरान बजटीय संसाधनों और बाजार उधारी के रूप में प्रदान की गई।
बजट की कमी के मद्देनजर वर्षवार आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नाबार्ड से
केन्द्रीय सहायता उधार लेने का निर्णय लिया गया जिसका भुगतान 15 साल की अवधि में 3 साल की एक रियायती अवधि
समेत किया जाना हैं । इसके अलावा, राज्य सरकारें, यदि आवश्यक हो तो धन
नाबार्ड से राज्य शेयर के लिए उधार ले सकती हैं।
पोलावरम परियोजना जो की इंदिरा सागर (पोलावरम) परियोजना के नाम से भी जानी
जाती हैं वह 2.91 लाख हेक्टेयर के सिंचाई
कमान क्षेत्र और 960 मेगा वाट की बिजली उत्पादन
क्षमता वाली एक बहुउद्देश्यीय परियोजना
है। इस परियोजना के तहत, विशाखापत्तनम शहर एवं अन्य
क्षेत्रों में पीने के पानी की आपूर्ति के रूप में कुल 23.44 सौ करोड़ घन फीट (टीएमसी) तथा
विशाखापत्तनम इस्पात संयंत्र के
लिए औद्योगिक पानी की आपूर्ति का भी प्रावधान है। इस परियोजना में कृष्णा नदी
बेसिन से 80 टीएमसी पानी सालाना, अंतर बेसिन हस्तांतरण की भी परिकल्पना की गई है।
इस परियोजना पर 2009 में 10,151.04 करोड़ रुपये (2005-06 के मूल्य स्तर पर) के निवेश को योजना आयोग द्वारा मंजूरी दी गयी थी। वित्त
वर्ष 2010-11 के स्तर पर, इस परियोजना की
वर्तमान लागत 16010.45 करोड़ रूपये है। इस परियोजना को त्वरित सिंचाई लाभ
कार्यक्रम (एआईबीपी) के तहत केंद्रीय सहायता प्रदान की जा रही हैं। इस परियोजना
में दिनाक 31.03.2014. तक कुल 5135.87 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं जिसमे से एआईबीपी के
तहत 562.469 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता प्रदान की गयी
हैंI वर्ष 2014 में पोलावरम को राष्ट्रीय
परियोजना घोषित किए जाने के बाद, 950 करोड़ रुपये पोलावरम
परियोजना प्राधिकरण को जारी किये जा चुके है। राज्य सरकार द्वारा दी गई सूचना के
आधार पर चालू वर्ष के दायित्व के फलस्वरूप इस साल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए, 2981.54 करोड़ रुपये की
नाबार्ड से व्यवस्था की गई है। इस वर्ष की कुल केंद्रीय सहायता के दायित्व 2981.54
करोड़ रुपये में से, राज्य सरकार द्वारा किए गए व्यय के लिए 1981.54 करोड़ आज जारी किये गए।
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