हर्षित नौटियाल -18 दिसंबर, 2016
आज जंतर-मंतर पर स्वराज इंडिया की 'कालेधन पर हल्लाबोल' रैली में उमड़ा जनसैलाब। राजनीति में कालेधन के खिलाफ स्वराज इंडिया शुरू करेगा एक देशव्यापी मुहीम।
10 हज़ार से ज़्यादा लोग हल्लाबोल रैली में हुए शामिल, जंतर-मंतर पर पैर रखने को जगह नहीं।
नवगठित राजनैतिक पार्टी 'स्वराज इंडिया' के लिए अपार जन समर्थन।
रैली में आए लोगों ने कालेधन के मुद्दे पर देशव्यापी जन-आँदोलन का लिया संकल्प।
"कालाधन दस सिर वाला, नोटबंदी सिर्फ़ एक सिर पर हमला। इसके राजनैतिक भ्रष्टाचार रूपी नाभी पर वार करने की ज़रूरत।" - योगेंद्र यादव, अध्यक्ष, स्वराज इंडिया
- "कालेधन के गंभीर मुद्दों पर, यूपीए की तरह एनडीए सरकार भी उतनी ही लापरवाह।", आज न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी खतरा है - प्रशांत भूषण, अध्यक्ष, स्वराज अभियान
- आज की रैली में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता, जगदीश छोकर, अंजलि भारद्वाज,प्रो. अरूण कुमार लोक राज्य संगठन के राघवन और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता शामिल हुए |
आज जंतर-मंतर पर स्वराज इंडिया की 'कालेधन पर हल्लाबोल' रैली में जैसे जनसैलाब उमड़ पड़ा। 10 हज़ार से ज़्यादा लोग रैली में हुए शामिल, जंतर-मंतर पर पैर रखने को जगह नहीं। नवगठित राजनैतिक पार्टी 'स्वराज इंडिया' के लिए यह अपार जन समर्थन है। आज एक तरह से 'स्वराज इंडिया' ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। लोगों की असीम ऊर्जा देख ऐसा लगा भ्रष्टाचार के खिलाफ नई लड़ाई की शुरुआत हो रही है।
नवगठित राजनैतिक पार्टी 'स्वराज इंडिया' ने आज दिल्ली में जंतर-मंतर पर एक विशाल रैली - "कालेधन पर हल्लाबोल" - के ज़रिए राष्ट्रीय राजनीति अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। पार्टी ने एक अनूठी और साहसिक पहल करते हुए चुनावी राजनीति में अपनी पहली दख़ल की घोषणा की जिसमें राजनैतिक चंदे में सुधार के लिए देशव्यापी मुहीम का ऐलान किया। सरकार आज भले ही आधे-अधूरे सच बोलकर गुमराह करने की कोशिश करे लेकिन सच्चाई यही है कि कालेधन के खिलाफ चल रहे मौजूदा कार्यवाईयों से राजनैतिक पार्टियों को महफ़ूज़ रखा गया है। चूँकि अब तक की सभी सरकारों और मुख्य राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव आयोग द्वारा स्टैंडर्ड अकाउंटिंग प्रक्रियाओं का अनुपालन करने की प्रार्थना का लागातार उल्लंघन किया है, कोई रास्ता नहीं है कि सरकार विमुद्रीकृत नोटों के रूप में काला धन को सफ़ेद बनाने से पार्टियों को रोक पाएगी।
ग़ैर-चुनावी कैंपेन संगठन स्वराज अभियान और स्वराज इंडिया ने मज़दूर किसान शक्ति संगठन (एमकेएसएस) जैसे कई जनांदोलनों वाले संगठनों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर एक प्रभावी देशव्यापी मुहीम चलाने वाला है। अभियान की माँग है कि पार्टियों द्वारा कैश में दिखाए गए 30 दिसंबर तक के चंदे को सार्वजनिक किया जाए और इसकी विशेष ऑडिट हो। जैसा कि लॉ कमीशन का सुझाव है, 20,000 रू से कम चंदा देने वालों के नाम घोषित न करने की पार्टियों को मिली मौजूदा छूट को तुरंत ख़त्म किया जाए और किसी भी अन्य संगठन की तरह उन्हें भी इस दायरे में लाया जाए। चुनाव आयोग की सिफ़ारिश को मानते हुए सभी पार्टियों को स्टैंडर्ड अकाउंटिंग प्रक्रिया का अनुपालन करना चाहिए और सीएजी द्वारा अनुमोदित ऑडिटर से ऑडिटिंग होनी चाहिए।
स्वराज इंडिया और स्वराज अभियान के मंच से कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे कई योद्धाओं को सम्मानित किया गया। वरिष्ट प्रशासनिक अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए सम्मानित किया। व्यापम घोटाले को उजागर करने वाले आनंद राय और प्रशांत पांडे को स्वराज इंडिया ने सम्मानित किया। कैप्टन दीप सिंह को भी सम्मानित किया गया। इन्होंने सीमेंट कम्पनियों द्वारा गलत भूमि अधिग्रहण को उजागर किया था। सौरभ कुमार जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गये, उन्हें भी स्वराज इंडिया ने सम्मानित किया। पवन कुमार जो भारत सरकार के श्रम प्रवर्तन अधिकारी थे और श्रम कानूनों में हो रहे उल्लंघन के खिलाफ आवाज उठाया है स्वराज इंडिया ने उन्हें भी सम्मानित किया। स्वराज इंडिया की यह नई पहल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे योद्धाओं में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
स्वराज अभियान के अध्यक्ष प्रशांत भूषण ने रैली को संबोधित करते हुए कहा - "मैंनें जुलाई 2014 में ही प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी। बताया कि कालेधन को कैसे रोकना है। लेकिन उसपर कोई कार्यवाई नहीं हुई। कार्यवाई तो छोड़िए, भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने वाले मौजूदा क़ानूनों और संस्थाओं को कमज़ोर किया जाने लगा। भ्रष्ट अधिकारियों को भ्रष्टाचार निरोधक संस्थाओं में मुख्य पदों पर नियुक्त किया जा रहा है। तीन साल हो गए लोकपाल कानून को बने लेकिन अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं हुई है।आज न्यायपालिका की स्वतंत्रता भी खतरे में है वर्तमान मुख्यन्यायधीश के 15 दिन शेष रहते हुए भी नए न्यायधीश की घोषणा नहीं हुई है |भारतीय सेना के अध्यक्ष जैसे अति महत्वपूर्ण पद पर भी दो वरिष्ट अधिकारीयों को दरकीनार कर के तीसरे अधिकारी की न्युक्ति की गई है|इस सरकार ने सीबीआई का भी यही हश्र किया|
जगदीश छोकर जो ADR के संस्थापक हैं ने आज के परिस्थिति पर कटाक्ष करते हुए कहा -‘जालिमों अपनी किस्मत पर नाज न हो दौर बदलेगा ये वक्त की बात है वो यकीनन सुनेगा सदाएं मेरी क्या वो तुम्हारा खुदा है,हमारा नहीं’|
NCPRI की अंजलि भारद्वाज ने स्वराज इंडिया के RTI में आने पर सराहना करते हुए कहा “जब स्वराज इंडिया RTI में आ सकती है तो बाकी पार्टियाँ क्यों नहीं आ सकतीं?”
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री सुरेश मेहता ने बताया की CAG की अनेकों रिपोर्ट से यह साबित होता है कि गुजरात की सरकार ने अदानी ग्रुप को फ़ायदे पहुचाये|
कालेधन पर विशाल हल्लाबोल रैली में लोगों से मुख़ातिब नवगठित राजनैतिक पार्टी 'स्वराज इंडिया' के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि "कालाधन दस सिरों वाला है। कैश उसका एक सिर है। रियल स्टेट, गोल्ड, बेनामी संपत्ति, पी-नोट, विदेशी अकाउंट और निवेश उसके बाक़ी के सिर हैं। अब एक सिर पर वार कर आप कालेधन को खत्म नहीं कर सकते। इसके लिए उसकी नाभी पर वार करना होगा। कालेधन की नाभी है - राजनैतिक भ्रष्टाचार। इसे खत्म करने में हमारी संसद नाकाम रही है। आज समय की माँग है कि कालेधन के मुद्दे पर एक देशव्यापी जन आँदोलन शुरू किया जाए।"
उन्होंने ने कहा “आज सत्ता और विपक्ष के बीच मैच फिक्सिंग जैसा माहौल है” भ्रष्टाचार के संघर्ष में आये हुए आप सभी आए हुए लोगों की अभूतपूर्व उर्जा और भारी संख्या को देखते हुए ऐसा लगता है की हमें अगली रैली रामलीला मैदान में करनी होगी|”
प्रो आनंद कुमार और स्वराज इंडिया के मुख्य प्रवक्ता अनुपम ने इस जनसभा का संचालन किया|
स्वराज अभियान व स्वराज इंडिया आज के इस जनसैलाब को भ्रष्टाचार की लड़ाई में शामिल होने के लिए दिल से धन्यवाद देता है। भ्रष्टाचार को लेकर आज लोगों के अंदर गुस्सा है, उस गुस्से को क्रांति में बदलने का जरुरत है। हाल के दिनों में किसी भी राजनीतिक पार्टी और संगठन के लिए उमड़ी जन्तर-मंतर का यह अप्रत्याशित भीड़ बयां कर रहा था क़ि भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुँच चुकी है, और लोग इससे त्रस्त हो चुके हैं। लोगों का उत्साह देखकर ऐसा लगा कि जैसे आज से 6 साल पहले रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत की गई थी । भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे कई योद्धाओं का समर्थन स्वराज इंडिया के इस मुहिम को मिल रहा है। स्वराज इंडिया इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित है।
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