ABSLM -18-01-2017
सिरसा- सी.एम.के.महाविद्यालय के सभागार में 'अग्रेंजी भाषा छात्रों के लिए एक चुनौती विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के प्रांरभिक सत्र में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. विजय कायत ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर सिरसा एजुकेशन सोसाइटी के पदाधिकारीगण मुख्य संरक्षक डा. आर.एस.सांगवान, अध्यक्ष श्री सत्यानारायण गोयल, सचिव श्री नौरंग ङ्क्षसह जी एडवोकेट उपस्थित थे। महाविद्यालय की प्राचार्या डा. श्रीमति विजया तोमर ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वाइस चांसलर प्रो.डा. विजय कायत ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया।
सेमीनार के आरंभिक सत्र के मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डा. बी.एस.दहिया ने अग्रेंजी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला तथा आज के युवा को अंग्रेजी भाषा और पढ़ाने के नये आयामों पर जोर देने को कहा। संगोष्ठी के मुख्यातिथि डा. विजय कुमार कायत ने अपने वक्तव्य में कहा कि सूचना और तकनीकी युग में अंग्रेजी की महत्ता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा के डर को बच्चों के मन से निकालना चाहिए और उसका सरलीकरण करके छात्रों को पढ़ाया जाना चाहिए। इसी के जरिए हम विश्व पटल से जुड़ सकते हैं। द्वितीय सत्र में डा. आर.एस.सांगवान ने बतौर मुख्यातिथि के रुप में शिरकत की। समापन सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अग्रेंजी विभाग के पूर्व प्रो. के.के.कथूरिया ने अपने बहुमूल्य विचार रखे और कहा कि अंग्रेजी भाषा को सुरुचि ढ़ंग से पढऩा और पढ़ाना चाहिए। प्रो.कथूरिया ने कहा कि जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जिसमें चुनौतियां नहीं है। चुनौतियां जिदंगी का हिस्सा है। चुनौतियों से निपटना ही जिदंगी जीने की कला है।
अगर आप में सीखने की ललक है तो कुछ भी मुश्किल नहीं है। बस जरुरत है इंटरनेल मोटीवेशन व लॄनग का होना। चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रो. उमेद सह ने कहा कि इंगलिश हमारी मातृभाषा नहीं है, लेकिन अभिव्यक्ति के लिए उपयोगी माध्यम है। अगर इंगलिश का ज्ञान हैं तो आगे बढऩे के अवसर ज्यादा है। समापन अवसर डा. आर.एस. सांगवान ने कहा कि जब किसी भी काम को पूरी तन्मयता के साथ किया जाता है तो सफलता अवश्य मिलती है। डा. सांगवान ने कहा कि हमेशा जीवन में सीखते रहना चाहिए। सोचना और सीखना दोनों साथ होने चाहिए।
इंगलिश लङ्क्षर्नंग के लिए बेसिक नियमों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। कार्यक्रम के अंत में सिरसा एजुकेशन सोसाइटी के सचिव नौरंग ङ्क्षसह एडवोकेट, डा.आर.एस.सांगवान व कालेज प्राचार्या डा. श्रीमति विजया तोमर ने आए हुए अतिथिों का धन्यवाद किया और अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
सिरसा- सी.एम.के.महाविद्यालय के सभागार में 'अग्रेंजी भाषा छात्रों के लिए एक चुनौती विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के प्रांरभिक सत्र में चौ. देवीलाल विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. विजय कायत ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस अवसर पर सिरसा एजुकेशन सोसाइटी के पदाधिकारीगण मुख्य संरक्षक डा. आर.एस.सांगवान, अध्यक्ष श्री सत्यानारायण गोयल, सचिव श्री नौरंग ङ्क्षसह जी एडवोकेट उपस्थित थे। महाविद्यालय की प्राचार्या डा. श्रीमति विजया तोमर ने आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ वाइस चांसलर प्रो.डा. विजय कायत ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया।
सेमीनार के आरंभिक सत्र के मुख्य वक्ता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति डा. बी.एस.दहिया ने अग्रेंजी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला तथा आज के युवा को अंग्रेजी भाषा और पढ़ाने के नये आयामों पर जोर देने को कहा। संगोष्ठी के मुख्यातिथि डा. विजय कुमार कायत ने अपने वक्तव्य में कहा कि सूचना और तकनीकी युग में अंग्रेजी की महत्ता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी भाषा के डर को बच्चों के मन से निकालना चाहिए और उसका सरलीकरण करके छात्रों को पढ़ाया जाना चाहिए। इसी के जरिए हम विश्व पटल से जुड़ सकते हैं। द्वितीय सत्र में डा. आर.एस.सांगवान ने बतौर मुख्यातिथि के रुप में शिरकत की। समापन सत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अग्रेंजी विभाग के पूर्व प्रो. के.के.कथूरिया ने अपने बहुमूल्य विचार रखे और कहा कि अंग्रेजी भाषा को सुरुचि ढ़ंग से पढऩा और पढ़ाना चाहिए। प्रो.कथूरिया ने कहा कि जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं जिसमें चुनौतियां नहीं है। चुनौतियां जिदंगी का हिस्सा है। चुनौतियों से निपटना ही जिदंगी जीने की कला है।
अगर आप में सीखने की ललक है तो कुछ भी मुश्किल नहीं है। बस जरुरत है इंटरनेल मोटीवेशन व लॄनग का होना। चौ.देवीलाल विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रो. उमेद सह ने कहा कि इंगलिश हमारी मातृभाषा नहीं है, लेकिन अभिव्यक्ति के लिए उपयोगी माध्यम है। अगर इंगलिश का ज्ञान हैं तो आगे बढऩे के अवसर ज्यादा है। समापन अवसर डा. आर.एस. सांगवान ने कहा कि जब किसी भी काम को पूरी तन्मयता के साथ किया जाता है तो सफलता अवश्य मिलती है। डा. सांगवान ने कहा कि हमेशा जीवन में सीखते रहना चाहिए। सोचना और सीखना दोनों साथ होने चाहिए।
इंगलिश लङ्क्षर्नंग के लिए बेसिक नियमों की जानकारी अवश्य होनी चाहिए। कार्यक्रम के अंत में सिरसा एजुकेशन सोसाइटी के सचिव नौरंग ङ्क्षसह एडवोकेट, डा.आर.एस.सांगवान व कालेज प्राचार्या डा. श्रीमति विजया तोमर ने आए हुए अतिथिों का धन्यवाद किया और अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
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