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सरकार द्वारा आम बजट-2017-18 में किसानों के अनुकूल अनेक कदम उठाने की घोषणा से कृषि क्षेत्र में 4 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने की उम्मीद

abslm 01-02-2017

कृषि ऋण 10 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्‍तर पर निर्धारित : सिंचाई निधि बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रूपये की गई वित्‍त मंत्री ने कृषि आय बढ़ाने के लिए 8,000 करोड़ रूपये की संचित निधि से दुग्‍ध प्रसंस्‍करण एवं  व संरचना निधि की स्‍थापना करने की घोषणा की  केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरूण जेटली ने आज संसद में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि सरकार को मानसून की स्थिति बेहतर रहने से चालू वर्ष 2016-17 के दौरान कृषि क्षेत्र में 4.1 प्रति होने की उम्‍मीद है। चौथा बजट पेश करते हुए श्री जेटली ने कहा कि किसानों को समय पर पर्याप्‍त ऋण उपलब्‍ध कराया जाएगा। 2017-18 में कृषि ऋण का लक्ष्‍य 10 लाख करोड़ रूपये के रिकॉर्ड स्‍तर पर निर्धारित किया गया है। उन्‍होंने कहा कि अल्‍पसेवित क्षेत्रों, पूर्वी राज्‍यों तथा जम्‍मू कश्‍मीर के किसानों के लिए पर्याप्‍त ऋण की व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के विशेष प्रयास किये जाएंगे। किसानों को सहकारी ऋण ढांचे से लिए गये ऋण के संबंध में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 60 दिनों के ब्‍याज के भुगतान से छूट का भी लाभ मिलेगा। वित्‍त मंत्री ने बताया कि लगभग 40 प्रतिशत छोटे और सीमांत किसान सहकारी ढांचे से ऋण प्राप्‍त करते हैं। सरकार जिला केन्‍द्रीय सहकारी बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली के साथ सभी 63‍,000 क्रियाशील प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों के कम्‍प्‍यूटरीकरण और समेकन के लिए नाबार्ड की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्य 1900 करोड़ रूपये की अनुमानित लागत से राज्‍य सरकारों की वित्‍तीय भागीदारी के द्वारा 3 वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा। इससे छोटे और सीमांत किसानों को ऋण का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित हो जाएगा।
किसानों के अनुकूल कदमों के बारे में बताते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि नाबार्ड में एक दीर्घकालीन सिंचाई कोष स्‍थापित किया जा चुका है और प्रधानमंत्री ने इसकी स्‍थायी निधि में 20,000 करोड़ रूपये की अतिरिक्‍त राशि शामिल करने की घोषणा की है। इस प्रकार इस कोष में कुल निधि बढ़कर 40,000 करोड़ रूपये हो जाएगी।
फसल बीमा योजना का विस्‍तार जो 2016-17 में फसल क्षेत्र का 30 प्रतिशत है, उसे 2017-18 में बढ़ाकर 40 प्रतिशत और 2018-19 में बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। बजट अनुमान 2016-17 में इस योजना के लिए 5,500 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया था, जिसे बकाया दावों का निपटान करने के लिए 2016-17 के संशोधित बजट अनुमान में बढ़ाकर 13,240 करोड़ रूपये कर दिया गया था। वर्ष 2017-18 के लिए इस मद के लिए 9000 करोड़ रूपये की राशि उपलब्‍ध कराई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत बीमाकृत राशि जो 2015 के खरीफ सीजन में 69,000 करोड़ रूपये थी, 2016 के खरीफ सीजन में दोगुने से भी बढ़कर 1,41,625 करोड़ रूपये हो गई है। 
उन्‍होंने अपने पिछले बजट भाषण का उल्‍लेख किया, जिसमें 5 वर्षों में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए किसानों की आय सुरक्षा पर ध्‍यान केन्द्रित किया गया था। वित्‍त मंत्री ने क‍हा कि सरकार किसानों को अपना उत्‍पादन बढ़ाने और फसल कटाई के बाद की चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों को समर्थ बनाने के लिए अनेक कदम उठाएगी। राष्‍ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) दायरे का मौजूदा 250 बाजारों से 585 एपीएमसी तक विस्‍तार किया जाएगा। इसके अलावा स्‍वच्‍छता, ग्रेडिंग और पैकेजिंग सुविधाओं की स्‍थापना के लिए प्रत्‍येक ई-नाम बाजार को अधिकतम 75 लाख रूपये की सहायता प्रदान की जाएगी।
यह स्‍वीकार करते हुए कि डेयरी किसानों के लिए अतिरिक्‍त आमदनी का एक महत्‍वपूर्ण स्रोत है, वित्‍त मंत्री ने तीन वर्षों में 8000 करोड़ रूपये की संचित निधि से नाबार्ड में एक दुग्‍ध प्रसंस्‍करण एवं संरचना निधि स्‍थापित करने की घोषणा की। उन्‍होंने कहा कि मृदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड जारी करने की गति में तेजी आ रही है, क्‍योंकि सरकार ने देश के सभी 648 कृषि विज्ञान केन्‍द्रों का 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने तथा कृषि विज्ञान केन्‍द्रों में नई लघु प्रयोगशालायें स्‍थापित करने का निर्णय लिया है।


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