abslm 01-02-2017
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लेखाकार या
मर्चेंट बैंकरों के द्वारा गलत जानकारी देने
पर दंड लगेगा
मुख्यमंत्री राहत निधि
और उपराज्यपाल की राहत
निधि की
आय कर से
मुक्त
रहेगी
टीडीएस के अधिक
भुगतान की वापसी के मामले में ब्याज दिये जाने
का प्रावधान
केन्द्रीय वित्त
एवं कॉरपोरेट मामलों के
मंत्री श्री
अरूण जेटली ने आज
संसद में
वर्ष 2017-18 का आम
बजट पेश करते
हुए बताया कि कराधान का वर्तमान भार मुख्य रूप
से ईमानदार करदाताओं या
वेतनभोगी कर्मचारियों को
उठाना पड़ता है, जो अपनी आय ठीक-ठीक
दर्शाते है।
वित्तमंत्री ने छोटे
करदाताओं के
लिए आयकर
की दर
10 से घटाकर 5 प्रतिशत कर
दी है।
उन्होंने विभिन्न
युक्तिकरण प्रयासों की
घोषणा की।
बेईमान और
भ्रष्टाचारियों पर सरकार कड़ी कार्रवाई जारी रखेगी। गलत जानकारी देने
वाले लेखाकारों या मर्चेंट बैंकों या पंजीकृत मूल्य
आंकने वालों पर
प्रत्येक
दोष के लिए
10,000 रूपये का दंड लागू होगा। प्रधानमंत्री राहत
निधि की
तरह मुख्यमंत्री राहत
निधि या
उपराज्यपाल राहत निधि
भी कर
से मुक्त रहेगी।
टीडीएस के अधिक
भुगतान पर वापसी राशि के
मामले में
ब्याज देने का
प्रावधान किया गया
है। बजट में टीसीएस शासन को
मजबूत करने
के लिए
यह प्रावधान किया गया
है कि
कलेक्टि वसूलकर्ता को अपना
पेन नम्बर देगा।
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