abslm 01-02-2017
रेलवे का कुल पूंजीगत एवं विकास व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये आंका गया
सरकार ‘स्वच्छ रेल’ पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगी,
1 लाख करोड़ रुपये का ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ 5 वर्षों में बनाया जाएगा
कैशलेस आरक्षण 58 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचा
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों
के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18
पेश करते हुए कहा कि यह बजट स्वतंत्र भारत का प्रथम संयुक्त बजट है,
जिसमें रेलवे भी शामिल है। उन्होंने
कहा कि भारत अब रेलवे, सड़कों,
जलमार्गों और नागरिक उड्डयन में होने
वाले निवेश में सामंजस्य बैठाने की स्थिति में आ गया है। उन्होंने कहा कि वित्त
वर्ष 2017-18
में रेलवे का कुल पूंजीगत एवं विकास व्यय 1,31,000 करोड़ रुपये आंका गया है, जिसमें सरकार द्वारा मुहैया कराई गई 55,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है।
वित्त मंत्री श्री जेटली ने अपने बजट
भाषण में कहा कि रेलवे चार प्रमुख क्षेत्रों अर्थात यात्री सुरक्षा, पूंजीगत एवं विकास कार्यों, स्वच्छता और वित्त एवं लेखांकन
संबंधी सुधारों पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगी। यात्री सुरक्षा के लिए अगले 5 वर्षों की अवधि के दौरान 1 लाख करोड़ रुपये का ‘राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष’ बनाया जाएगा, जिसका वित्त पोषण सरकार की ओर से
प्राप्त मूल पूंजी (सीड कैपिटल), रेलवे
के खुद के संसाधनों और अन्य स्रोतों से किया जाएगा। श्री जेटली ने यह भी बताया कि
सरकार इस कोष से वित्त पोषित होने वाले विभिन्न सुरक्षा कार्यों को क्रियान्वित
करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देशों के साथ-साथ समय सीमा भी तय करेगी। उन्होंने
कहा कि बड़ी लाइनों पर अवस्थित मानवरहित रेलवे क्रॉसिंगों को वर्ष 2020 तक समाप्त कर दिया जाएगा। सुरक्षा की
तैयारियों एवं रखरखाव से जुड़े कार्यों को बेहतर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय
विशेषज्ञों की सहायता ली जाएगी।
अपने बजट भाषण में चिन्हित गलियारों
(कॉरीडोर) के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन के लिए प्रस्तावित कदमों का उल्लेख करते
हुए श्री जेटली ने कहा कि वर्ष 2017-18 में 3,500
किलोमीटर लंबी रेल लाइनों को चालू किया जाएगा, जबकि वर्ष 2016-17 में 2800 किलोमीटर लंबी रेल लाइनों को चालू किया
गया था। उन्होंने कहा कि पर्यटन एवं तीर्थाटन के लिए समर्पित रेलगाड़ियां चलाई
जाएंगी। अगले 3
वर्षों के दौरान इसमें 10
फीसदी बढ़ोतरी किए जाने का प्रस्ताव है। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि 9 राज्य सरकारों के साथ मिलकर संयुक्त
उद्यमों की स्थापना की गई है और निर्माण एवं विकास के लिए 70 परियोजनाओं की पहचान की गई है।
रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का उल्लेख
करते हुए वित्त मंत्री जेटली ने यह भी कहा कि पुनर्विकास के उद्देश्य से वर्ष 2017-18 के दौरान कम से कम 25 स्टेशनों का ठेका दिए जाने की आशा है
और 500 स्टेशनों पर लिफ्ट
एवं एस्कलेटर लगाकर उन्हें दिव्यांगजनों के अनुकूल बनाया जाएगा।
‘स्वच्छ रेल’ पर सरकार के फोकस पर विशेष जोर देते हुए
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे में स्वच्छता का स्तर बढ़ाने के लिए अनेक कदम
उठाए जाने का प्रस्ताव है, जिनमें
एसएमएस आधारित ‘क्लीन
माई कोच सर्विस’ भी
शामिल है, जिसका शुभारम्भ पहले
ही हो चुका है। अब ‘कोच
मित्र’ सुविधा शुरू करने का
प्रस्ताव किया गया है, जो
कोच या डिब्बों से संबंधित समस्त शिकायतों एवं आवश्यकताओं को दर्ज किए जाने
वाला एकल खिड़की इंटरफेस होगा। वित्त मंत्री श्री जेटली ने यह भी कहा कि वर्ष 2019 तक भारतीय रेलवे के सभी डिब्बों में
जैव शौचालय लगा दिए जाएंगे।वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में निजी क्षेत्र के
वर्चस्व वाले परिवहन के अन्य साधनों के मुकाबले रेलवे को प्रतिस्पर्धी बनाए
रखने में मदद के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों का भी ब्योरा
दिया। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं :
(i) चुनिंदा
वस्तुओं के लिए पूर्ण रूप से एकीकृत ढुलाई समाधानों को उन लॉजिस्टिक कंपनियों
अथवा संगठनों के साथ भागीदारी करके लागू किया जाएगा, जो इन वस्तुओं के लिए हर तरह की
कनेक्टिविटी मुहैया कराएंगे। जल्द खराब होने वाली वस्तुओं, विशेषकर कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए
रोलिंग स्टॉक एवं संबंधित तौर-तरीकों को उन्हीं के अनुसार ढाला जाएगा।
(ii) (ii) प्रतिस्पर्धी टिकट बुकिंग सुविधा सभी
लोगों को सुलभ कराई जाएगी। आईआरसीटीसी के जरिए बुक किए जाने वाले ई-टिकटों पर
सर्विस चार्ज वापस ले लिया गया है। कैशलेस आरक्षण 58 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया है।
(iii) लेखांकन संबंधी सुधारों के एक हिस्से
के तहत वृद्धिपरक आधारित वित्तीय वक्तव्यों को मार्च 2019 तक सुलभ कराया जाएगा। अपने बजट भाषण के
दौरान वित्त मंत्री श्री जेटली ने रेलवे के परिचालन अनुपात को बेहतर करने के लिए
रेलवे की ओर से निरन्तर प्रयास किए जाने पर फिर से विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा
कि लागत, सेवा की गुणवत्ता,
सामाजिक दायित्वों और परिवहन के अन्य
साधनों से प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए रेलवे की ढुलाई दरें तय की
जाएंगी। मेट्रो रेल का उल्लेख करते हुए
वित्त मंत्री ने बताया कि क्रियान्वयन एवं वित्त पोषण के अभिनव मॉडलों के
साथ-साथ हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर के मानकीकरण और स्वदेशीकरण पर फोकस करते हुए एक
नई मेट्रो रेल नीति की घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे देश के युवाओं के
लिए नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा कानूनों को
तर्कसंगत बनाकर एक नया मेट्रो रेल अधिनियम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे
निर्माण एवं परिचालन में और ज्यादा निजी भागीदारी तथा निवेश का मार्ग प्रशस्त
होगा।
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