Abslm 15-05-2017
केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज यहां आपदा
जोखिम न्यूनीकरण (एनपीडीआरआर) पर राष्ट्रीय मंच की दो दिवसीय दूसरी बैठक का
उद्घाटन किया। एनपीडीआरआर की दूसरी बैठक की थीम है ‘सतत विकास के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण: 2030 तक भारत को सुदृढ़ बनाना।’ केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी
विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, गृह राज्य मंत्री
श्री किरेन रिजिजू और प्रधानमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. पी.के. मिश्रा भी
इस अवसर पर उपस्थित थे। एनपीडीआरआर केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता वाला एक
बहु-हितधारक राष्ट्रीय मंच (प्लेटफॉर्म) है और यह आपदा प्रबंधन में भागीदारी वाले
निर्णय को बढ़ावा देता है और हमारे देश की संघीय नीति को मजबूती प्रदान करता है।
इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एनपीडीआरआर आपदा
प्रबंधन से जुड़े अनुभवों को साझा करने और आपदा जोखिम में कमी लाने के लिए सामूहिक
प्रयास करने वाला राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म है। उन्होंने आपदा जोखिम से जुड़े नुकसान
को कम करने में रोकथाम और न्यूनीकरण की भूमिका पर विशेष बल दिया। उन्होंने बताया
कि आपदा से निपटने की तैयारी और न्यूनीकरण पर एक अतिरिक्त रुपया खर्च करने से
आपदा हानि में 10 रुपये की बचत की
जा सकती है। उन्होंने आपदा जोखिम में कमी के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क, सतत विकास लक्ष्य और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस
समझौते (सीओपी21) जैसे वैश्विक
समझौतों को स्मरण किया। उन्होंने आपदा जोखिम में कमी के लिए सरकारों द्वारा किए
जा रहे विभिन्न प्रयासों जैसे कि आपदा प्रबंधन योजना और नीति तैयार करने, प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों का विकास करने,
चक्रवात से बचाव के लिए आश्रयों एवं उपयुक्त
तटबंधों का निर्माण किए जाने, राष्ट्रीय एवं
राज्य स्तरों पर आपदा राहत बलों का गठन करने और सतत प्रशिक्षण एवं जागरूकता
कार्यक्रम के जरिए समुदायों का क्षमता निर्माण करने पर प्रकाश डाला।
श्री राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत
सरकार द्वारा हाल ही में किए गए अनेक पहलों को भी साझा किया जिनमें दक्षिण एशियाई
देशों के लिए समर्पित उपग्रह का प्रक्षेपण, आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर एशियाई मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
(एएमसीडीआरआर) 2016 और सार्क आपदा
प्रबंधन केंद्र की स्थापना प्रमुख हैं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने बताया कि
भारत आपदा के खतरे की संभावनाओं वाला देश है। उन्होंने आपदा से निपटने की
तैयारियों को निरंतर बेहतर करने और जोखिम कम करने के उपायों को सुदृढ़ करने की
आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने एएमसीडीआरआर 2016 के दौरान देश के प्रधानमंत्री द्वारा आपदा जोखिम में कमी
के लिए उल्लेख किए गए 10 सूत्री एजेंडे
का जिक्र किया और इस बैठक में उपस्थित प्रतिभागियों से इस एजेंडे को वास्तविकता
में तब्दील करने के लिए ठोस योजनाएं बनाने को कहा।
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