Abslm 04-8-2017 साया शर्मा एंव अंकुश शर्मा की विशेष रिपोर्ट
नई दिल्ली। मुंबई में 60,000 श्रोताओं का
रिकॉर्ड बनाते हुए, चार सीजनों की
शानदार सफलता के बाद ‘मुगल-ए-आजम: द
म्यूजिकल’ देश की राजधानी में
पहुंचने को तैयार है। भारत के सबसे बड़े थिएटर प्रोडक्शन के रूप में प्रशंसा हासिल
करने वाला यह प्रतिष्ठित प्ले सितंबर महीने में दिल्ली वालों की वाह-वाह लूटने को
तैयार है। इस प्रतिष्ठित प्ले 9 से 17 सितंबर के दौरान जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में
प्रदर्शित किया जाएगा। मुगल राजकुमार सलीम व अनारकली की सदाबहार प्रेमकथा को एक
बार फिर से सिरजते हुए ‘मुगल-ए-आजम: द
म्यूजिकल’ ने अपने श्रोताओं को अपने
शानदार प्रदर्शनों, महंगे सेटों,
विश्वस्तरीय प्रोडक्शन डिजाइन और मनीष
मल्होत्रा के अत्यधिक सुंदर परिधानों के जरिए मंत्रमुगध कर दिया है। यह प्ले इस
कथा को एक बार फिर से नए श्रोताओं के समक्ष जीवंत करने का वायदा करता है। इसी शो
के सिलसिले में प्रख्यात फैशन डिजायनर मनीष मल्होत्रा, जिन्होंने अपने ढाई दशक के करियर में पहली बार किसी प्ले के
लिए काॅस्ट्यूम डिजाइन किया है, प्ले के
डायरेक्टर फिरोज अब्बास खान, प्रख्यात
कोरियोग्राफर मयूरी उपाध्याय के अलावा शपूरजी पलोंजी ग्रुप के दीपेश सलगिया एवं
एनसीपीए के कार्यकारी निदेशक दीपक बजाज पिछले दिनों दिल्ली के इंडिया हैबिबेट
सेंटर में मीडिया से मुखातिब हुए और इस म्यूजिकल प्ले के बारे में मीडिया से अपने
अनुभव एवं विचार साझा किए।
डायरेक्टर फिरोज अब्बास खान के मुताबिक हम सिनेमा प्रशंसकों व मुगल-ए-आजम के
फैंस से दिल्ली में म्यूजिक को लाने संबंधी मिले बहुत सारे आग्रहों से उत्साहित
हैं। एक बहुत बड़ा कार्य है और यही कारण है कि सब कुछ ठीक तरीके से अंजाम देने के
लिए समय लगता है। डायरेक्टर फिरोज अब्बास खान ने कहा कि मुगल-ए-आजम के बड़े सेट हैं,
इसमें 175 सदस्यों का एक क्रू है और इसके लिए हाइटेक इंफ्रास्ट्रक्चर
के साथ भारी संख्या में प्रोजेक्शनों की जरूरत पड़ती है। प्रोड्यूसर शपूरजी पलोंजी
और नेशनल सेंटर फॉर परफार्र्मिंग आट्र्स (एन.सी.पी.ए) ने ज्वाहरलाल नेहरू इंडोर
स्टेडियम के इंफ्रास्ट्रक्चर में बहुत बड़ा निवेश किया है। दिल्ली में बहुत सारे
श्रोता मुगल-ए-आजम की महिमा का आनंद लेंगे।
म्यूजिकल के लिए भारी प्रोडक्शन सेटअप के बारे में शपूरजी पल्लोंजी ग्रुप के
डायरैक्टर दीपेश सलगिया ने कहा कि दिल्ली के शो हेतु विशेष तौर पर एक नया सेट
तैयार किया जाएगा। सेट लगाने के लिए मुंबई से टेक्नीशियन आएंगे। हमारे
अंतरराष्ट्रीय टेक्नीशियन व डिजाइनर भी जल्द टीम से जुड़ेंगे। दिल्ली का शो एक बहुत
बड़े स्टेज पर पेश किया जाएगा और यह मुंबई से भी बड़ा होगा। दीपेश सलगिया ने कहा कि 1950 में जब, फिल्म का शपूरजी पलोंजी द्वारा निर्माण किया गया था,
उनका उद्देश्य एक और फिल्म बनाना नहीं था,
बल्कि सिनेमा प्रोडक्शन में एक नया बेंचमार्क
स्थापित करना था, जहां कला का
प्रदर्शन बजट तक सीमित नहीं था, बल्कि यह सिर्फ
श्रोता-दर्शकों की कल्पना थी। यह स्टेज प्रोडक्शन उसी विरासत को आगे बढ़ा रहा है।
यह सिर्फ बिजनेस नहीं है। यह भावनाओं को स्पर्श करने समान है। नेशनल सेंटर फॉर
परफाॅर्मिंग आट्र्स (एन.सी.पी.ए) के कार्यकारी निदेशक दीपक बजाज ने कहा कि
एन.सी.पी.ए ने हमेशा से श्रोताओं को सर्वोत्तम पेशकश देने पर विश्वास किया है।
हमारे कई पैटर्न दिल्ली से हैं, जो राजधानी में
प्ले देखने को लेकर बहुत उत्साहित हैं और अब म्यूजिकल दिल्ली में भी पेशकश देगा और
उन्हें विश्वास है कि यहां बहुत ही सफल सीजन रहेगा।
इस प्ले की एक बहुत ही बड़ी खासियत प्रमुख कलाकारों द्वारा लाईव गाना है।
मुगल-ए-आजम के सदाबहार गीत, जब प्यार किया तो
डरना क्या..., मोहे पनघट,
कव्वाली- तेरी महफिल में किस्मत... इत्यादि का
कलाकारों द्वारा लाईव प्रदर्शन किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित
कोरियोग्राफर मयूरी उपाध्याय और उनके प्रोफेशनल तरीके से प्रशिक्षित कत्थक नृतकों
की मंडली की शानदार कोरियोग्राफी का प्रदर्शन होगा।
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