नईं दिल्ली16-10-2017
देश के सबसे
बड़े अस्पताल एम्स ने राजधानी दिल्ली की आबो-हवा पर गंभीर चिता जताईं है। एम्स निदेशक
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक, राजधानी में वायु की
गुणवत्ता अति निम्न स्तर तक पहुंचना मेडिकल इमरजेंसी की तरफ इशारा करता है।
जैसे-जैसे दिवाली नजदीक आ रही है, राजधानी में प्रदूषण का
स्तर बढ़ता जा रहा है। रविवार सुबह 8 बजे राजधानी में प्रदूषण का स्तर 300 माइव्रोग्राम को पार गया जो कि सामान्य से 5 गुना ज्यादा है। ’सफर’ के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में पीएम 2.5 का सुबह 8 बजे 306 एमजीसीएम यानी कि अति निम्न स्तर तक पहुँच गया जबकि पीएम 2.5 का नॉर्मल स्तर 60 एमजीसीएम होता है। दिल्ली
के मथुरा रोड में भी पीएम 2.5 का स्तर 326, दिल्ली यूनिर्वसिटी में 335, पीतमपुरा में 305, दिल्ली एयरपोर्ट पर 309 एमजीसीएम तक पहुँच गया
है।
दिवाली से पहले ही जिस
तेजी से दिल्ली की आबो-हवा में प्रदूषित कणों की मात्रा बढ़ रही है ये इशारा करता
है कि आने वाले दिन दिल्ली की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। डॉक्टर गुलेरिया के
मुताबिक दिल्ली की हवा साइलेंट किलर बन चुकी है। पिछले वुछ साल से सांस की
बीमारी से मरीजों की तादाद में भी इ़जा़फा हुआ है। लोगों को पता ही नहीं चलता कि
वैसे ये जहरीली हवा धीरे-धीरे उनकी सेहत ़खराब कर रही है। हर साल दिवाली पर
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण टॉक्सिक रेंज तक पहुंच जाता है।
जिससे लोगों की सेहत पर
व्रानिक और एक्यूट दोनों ही तरह का असर देखने को मिलता है। लिहा़जा एम्स निदेशक
ने दिल्ली वालों को वुछ सुझाव दिए हैं जिससे वो दिल्ली और खुद को प्रदूषण के
खतरनाक स्तर की चपेट में आने से बचा सकते हैं। एम्स निदेशक के मुताबिक, बेशक इस साल पटाखों की बिी पर बैन है लेकिन पटाखे फोड़ने
पर नहीं। दिल्ली की हवा बनी ‘साइलेंट किलर’
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