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त्रिवेणी रोपण व गौसेवा करके अकबर खान राणा ने मनाई 25वीं सालगिरह

 

जयमाला रश्म के दर्जनों गण्यमान्य लोग बने साक्षी
गाय को राष्ट्रीय जीव घोषित करवाने में मुसलमानों को आगे आना चाहिए: अकबर खान राणा  

ABSLM 9/9/2021एस• के• मित्तल सफीदों :


हरियाणा सरकार में हज कमेटी के सदस्य रहे एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, हरियाणा के संयोजक अकबर खान राणा व उनकी धर्मपत्नी अध्यापिका नसीम अख्तर ने नगर की स्वामी गौरक्षानंद गौशाला में त्रिवेणी रोपण व गौसेवा करके अपनी 25वीं सालगिरह मनाई। इस मौके पर मौजूद दर्जनों गण्यमान्य लोगों ने उनके इस कार्य की भूरी-भूरी प्रशंसा की तथा उन्हे अपनी बधाईयां दी। अकबर खान राणा व उनकी धर्मपत्नी नसीम अख्तर ने सबसे पहले गौशाला प्रांगण में त्रिवेणी का रोपण किया। तदोपरांत गौ आरती करके गऊओं को चारा व गुड़ डाला। इस दंपत्ति ने इस पवित्र मौके पर श्रीराम विवाह से चली आ रही जयमाला की रश्म को भी निभाया। अकबर खान राणा व उनकी धर्मपत्नी नसीम अख्तर ने आपस में जयमाला डाली तथा केक काटा। अपने संबोधन में अकबर खान राणा ने कहा कि उनके पूर्वज हिंदू थे बेशक मेरी आस्था इस्लाम में है लेकिन मेरा विश्वास हिंदू संस्कृति में आज भी कायम है और मुझे इस गौरवमई भारतीय संस्कृति पर चलते हुए बहुत सहज महसूस होता है।




हम सबको अपनी पुरातन भारतीय संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। चाहे हमारी धार्मिक आस्था कुछ भी हो।आखिरकार हम भारतीय हैं और हमारा रहन-सहन, चाल-चलन व पहनावा हमारी संस्कृति कहलाता है। सभी देशों की अपनी एक जीवनशैली है और सनातन नाम की हमारी अपनी भारतीय जीवनशैली है जिसका किसी मजहब से कोई टकराव नहीं। इसलिए हमें किसी भी सूरत में इसे त्यागना नहीं चाहिए। पाकिस्तान के कुछ मुस्लिम लोग मेरे द्वारा गौशाला में हमारी शादी की वर्षगांठ पर ऐतराज़ कर रहे हैं। ऐसे लोगों से मैं पूछना चाहता हूं कि इस्लाम में यह कहां उल्लेखित है कि ऐसा करना गुनाह है, बल्कि इस्लाम हमें सभी जीवों से प्रेम की प्रेरणा देता है। विशेषतौर पर भारतीय मुसलमानों से कहना चाहूंगा कि आप भारत में पैदा होकर भारतीय कहलाने लगे यह महत्वपूर्ण नहीं है बल्कि अहम बात तो यह है कि आपके अंदर भारतीयता है या नहीं। जब तक आपके दिल में अपने देश के प्रति प्रेमभाव नहीं होगा तो आप देश के लोगों से और उस देश की संस्कृति से प्यार नहीं कर सकते और ऐसे लोगों को मैं गुनाहगार मानता हूं। उन्होंने कहा कि गौमाता भारत की संस्कृति है और उसे किसी धर्म विशेष में नहीं बांटा जा सकता। गाय को राष्ट्रीय जीव घोषित करवाने में मुसलमानों आगे आना चाहिए।

फोटो कैप्शन 4.: स्वामी गौरक्षानंद गौशाला में त्रिवेणी का रोपण करते हुए अकबर खान राणा, उनकी धर्मपत्नी नसीम अख्तर व गण्यमान्य लोग।

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