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सामूहिक श्री हनुमान चालीसा पाठ पर स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के जीवन पर डाला प्रकाश

abslm 29/10/2021 एस• के• मित्तल     


सफीदों, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, मातृशक्ति व वरिष्ठ नागरिक मित्र मंडल के संयुक्त तत्वाधान में महाभारत कालीन पवित्र नागक्षेत्र सरोवर मंदिर प्रांगण में विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के सहयोग से सामूहिक भजन-कीर्तन व श्री हनुमान चालीसा का पाठ का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा ने की। इस मौके पर पूरे श्रद्धाभाव से श्री हनुमान चालीस का पाठ व मंगल आरती की। अपने संबोधन में जिला उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी तथा शुद्धि आंदोलन के प्रणेता स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के बलिदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने 1902 में हरिद्वार के पास कांगड़ी में एक गुरुकुल की स्थापना की और अब उसे गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के रूप में जाना जाता है। 

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1917 में महात्मा मुंशी राम से सन्यास धारण करके वे स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती बने और 1923 में शुद्धि आंदोलन का आगाज किया। वे शुद्धि आंदोलन के जरिए जबरदस्ती मुसलमान व ईसाई बनाए गए लाखों लोगों को वापिस हिंदू धर्म में लाए। उसके इस कार्य से उत्तेजित अब्दुल राशिद ने 23 दिसंबर 1926 को दिल्ली में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस अवसर पर हेमलता क्वात्रा, ममता भाटिया, सुनीता भाटिया, जयदेव माटा, यशपाल सूरी, राजू वर्मा, रामकरण कश्यप, युवराज वर्मा, सतीश बलाना, मुकेश वर्मा, सुरेश सैनी, पिशोरीलाल नंदवानी, सतवीर सैनी, अजीत, रंजीत शर्मा, नवीन वर्मा, सत्यदेव चौबे, साहिल, राम अरोड़ा, रमन शर्मा व निर्मल भाटिया मौजूद थे। 

फोटो कैप्शन 7.: स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अरविंद शर्मा।

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