ABSLM 22/12022 एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के रेलवे रोड़ स्थित यूनियन बैंक मैनेजर ने दो लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज पेश करके लोन लेने का मामला दर्ज करवाया है। यूनियन बैंक के प्रबंधक दीनदयाल ने गांव फफड़ाना (करनाल) के निवासी रामभगत उर्फ भगतराम व उसके बेटे शक्ति सिहं के खिलाफ पुलिस में शिकायत देकर कहा कि रेलवे रोड़ सफीदों पर कोरपोरेशन बैंक जो भारत सरकार के आदेशानुसार समायोजित होने के बाद यूनियन बैंक आफ इंडिया के नाम से जाना जाता है। जिस वक्त यह बैंक कोरपोरेशन बैंक के नाम से था उस वक्त आरोपियों ने बैंक शाखा में आकर बताया कि रामभगत उर्फ भगतराम खेवट न. 319 खाता न. 458 कुल रकबा तादादी 209 कनाल 3 मरले में बतौर हिस्सेदार 1/2 भाग बकदर 104 कनाल 11 मरला स्थित गांव फफडाना तहसील असन्ध जिला करनाल का बरूवे जमाबन्दी 2011-2012 मालिक व काबिज है व कृषि कार्य के लिए बैंक से लोन लेना चाहते हैं। जिसके लिए आरोपियों ने 2001-2002, 2006-2007, 2011-2012 की जमाबंदी वा गिरदावरी की सत्यापित कॉपी पेश की थी। आरोपी रामभगत ने अपनी उपरोक्त भूमि 104 कनाल 11 मरला 319 खेवट न. 319 खाता न. 458 स्थित
फफडाना तहसील अंसध जिला करनाल जमाबन्दी 2011-2012 से बैंक के हक में बरूवे रहन की थी। भूमि रहन होने के बाद बैंक ने आरोपियों को उपरोक्त रहन का इन्द्राज रिकार्ड माल से करवाने बाबत कहा था जिस पर आरोपियों ने एक मुटेशन लेटर बैंक में रहननामा का इन्द्राज रिकार्ड माल से करवाकर प्रस्तुत किया था जिस पर हल्का पटवारी की रिकार्ड माल में इन्द्राज बाबत लिखित व हस्ताक्षर थे। उपरोक्त मुटेशन रपट न. 156 दिनांक 02 जून 2017 के तहत उपरोक्त जमीन बैंक मे रहन दर्शाई थी तथा रहन होने के पश्चात् नई जमाबंदी की नकल भी बैंक में आरोपियों द्वारा प्रस्तुत की गई थी। उपरोक्त रहननामा व रपत न. 156 दिनांक 2 जुन 2017 के इन्दाज केसाथ जमाबन्दी वर्ष 2011-2012 तथा मुटेशन लैटर प्रस्तुत करने के बाद आरोपियों ने बैंक के हक में लोन दस्तावेज तहरीर किए थे जिस पर दोनों आरोपियों के हस्ताक्षर है।
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सारी कागजी कार्रवाई के बाद बैंक द्वारा आरोपियों को 20 लाख रुपए का कृषि लोन 7 जुलाई 2017 को दिया गया था। आरोपियों के द्वारा कृषि लोन की अदायगी समय पर ना करने के कारण बैंक द्वारा आरोपियों का खाता 12 अगस्त 2019 को एनपीए कर दिया गया। उसके बाद बैंक द्वारा कानुनी कार्यवाही करने के लिए जब जमाबन्दी 2011-2012 व 2016-2017 की सत्यापित प्रति निकलवाई तो बैंक को पता चला कि उपरोक्त रहननामा का इन्द्राज रिकार्ड माल में बैंक के हक में नहीं है। इसके अलावा आरोपियों के द्वारा जो मुटेशन लैटर रिकार्ड माल में इन्द्राज बाबत प्रस्तुत किया गया था वह गलत एवं फर्जी था। इसके अलावा आरोपियों द्वारा लोन लेते समय जो जमाबंदी वर्ष 2001-2002, 2006-2007, 2011-2012 की सत्यापित कापी पेश की गई थी वह भी गलत व फर्जी है। आरोपियों के द्वारा फर्जी मुटेशन लैटर व फर्जी जमाबंदी पर पटवारी के फर्जी हस्ताक्षर करके कृषि लोन लेकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की गई है। पुलिस ने बैंक प्रबंधक दीनदयाल की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468 व 47 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
फोटो कैप्शन 3.: मुटेशन की प्रतीकात्मक फोटो
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