ABSLM 5/12/2022 एस• के• मित्तल
मनुष्य जाति के इतिहास में सबसे महान दिन के रूप में अंकित गीता जयंती यानी की श्रीमद्भगवत गीता का जन्म भगवान श्रीकृष्ण के श्रीमुख से अब से करीब 5153 साल पहले कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र में हुआ था। इस परम पवित्र ग्रंथ में छोटे-छोटे अठारह अध्यायों में संचित ज्ञान मनुष्य मात्र के लिए अति बहुमूल्य है। जो कोई भी इसका अध्ययन करता है उसके जीवन में आमुलचूल परिवर्तन होने लगता है, पग-पग पर उसे प्रकाश रूप मार्गदर्शन प्राप्त होता है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता के ज्ञान के माध्यम से कर्म का महत्व जन-जन में स्थापित किया। श्रीमद्भगवतगीता आत्मा एवं परमात्मा के स्वरूप को व्यक्त करती है। श्रीमद्भगवत गीता का स्वाध्याय करके मनुष्य भय, राग, द्वेष एवं क्रोध से हमेशा के लिए मुक्त हो सकता है।
फोटो कैप्शन 9.: नगर परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुगण।
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