ABSLM 31/7/2023एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर की श्री एसएस जैन स्थानक में रविवार को पिता-पुत्र दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में संघशास्ता शासन प्रभावक सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य संघ संचालक नरेश चंद्र महाराज के आज्ञानुवर्ति मधुरवक्ता नवीन चंद्र महाराज तथा सरलमना श्रीपाल मुनि महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर सामाजिक संस्था वूमेन इरा फाऊंडेशन द्वारा पिता-पुत्र संबंधों का महत्व दर्शाती लघु नाटिका का मंचन किया गया। मधुरवक्ता नवीन चंद्र महाराज तथा सरलमना श्रीपाल मुनि महाराज ने फरमाया कि जन्म देने भर से माता-पिता धन्य नहीं हो सकते। वे मां-बाप चिरकाल तक यश प्राप्त करते हैं जो अपनी संतानों को अच्छे संस्कार देते है। अपने बच्चों को इतना भी लायक मत बनाए कि कल वो बड़ा होकर तुम्हे नालायक समझने लगें।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने बच्चे बहुत प्यारे हैं। बस उनकी परवरिश कैसे करते हैं, यह महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से आज के समय में जब उनको भटकाने वाली अनेक चीजें हैं। आप बच्चों के लिए संपत्ति जुटाने में ही लगे रहे और बच्चों को संस्कार देने से चूक गए, तो हो सकता है कि भविष्य में वह मां-बाप को अपने बड़े महल में एक कमरा देने में भी संकोच करें और उन्हें वृद्धाश्रम में जाना पड़े। इसलिए बच्चों को समय देते हुए उन्हें जीवन उपयोगी संस्कार भी दें। माता-पिता प्रत्यक्ष माता-पिता प्रत्यक्ष देव हैं, ईश्वर हैं, बच्चों को इस भाव से वे मां बाप की सेवा करनी चाहिए। आज हमें बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। बच्चे जब छोटे हों तभी से उनके ऊपर ध्यान दो। वह एक कोमल पौधा है। उसको हम जो दिशा देना चाहते हैं, वह बचपन में ही संभव है।
फोटो कैप्शन 30एसएफडीएम4.: नाटिका प्रस्तुत करती हुई बालिकाएं।
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