AABSLM

हमारी साइट में अपने समाचार सबमिट के लिए संपर्क करें

क्यों होते हैं प्राकृतिक प्रकोप,

ABSLM 12/8/2023 ( बलदेव चौधरी )


आदान प्रदान प्रकृति का नियम है और जब जब ये नियम बाधित होता है तब प्रकृति प्रकोप करती है,

हम दिन रात पेड़ पौधे की कटाई कर रहे हैं और बदले मे नए पेड़ लगा नही रहे है,आदान प्रदान का नियम बाधित हो गया,

पर्वतों को नष्ट कर रहे है अब तुम दुबारा पर्वत नही बना सकते आदान प्रदान रुक गया प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया,

ईश्वर ने केवल देसी गाय को बनाया ,मनुष्य ने उसे वर्ण शंकर बना दिया,जर्सी हॉलिस्टर ,और कोन कोन सी प्रजाति ,जिसमे गाय माता का तो सत्यानाश कर ही दिया, साथ ही पृथ्वी पर इतनी संख्या बढ़ गई,किसान की फसल का सर्वनाश,ये सब किसने किया,मनुष्य ने,अपने लालच के लिए,

वैज्ञानिक महोदय ऐसे ऐसे प्रयोग कर रहे हैं,वायुमंडल में ऐसे ऐसे यंत्र और यान अंतरिक्ष में भेज रहे हैं,की सब ग्रह नक्षत्रों में खलबली मची हुई है,सब अपने स्थान से असमय परिवर्तन होने के कारण प्राकृतिक बाधित होती है परिणाम अनावृष्टि ओलावृष्टि अतिवृष्टि,उल्कापात , आदि घटनाए हद से ज्यादा घटित हो रही है  ,और जब वैज्ञानिक महोदयओ से रायता फैलने लगे उसको भविष्य वाणी कह कर गलती को प्रशंसा में बदल दिया जाता है,

हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ,,इन छह बातो को ईश्वर के अलावा कोई भी नही रोक सकता, इसलिए प्रकृति के संतुलन बनाए रखने के लिए प्रकृति के नियम आदान प्रदान के नियम का पालन कर मनुष्य अपना जीवन सुखमय बना सकता है,. 

निवेदन :- अगर आपको लगता है की ये लेख किसी के लिए उपयोगी हो सकता है तो आप निसंकोच इसे अपने मित्रो को प्रेषित कर सकते है