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भारतवर्ष एक धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है और सदैव रहेगा,इसकी एकता अखंडता को कोई भी राजनीतिक जहर नही मिटा पाएगा,

 ABSLM4/4/2023 


योगेश्वर श्री कृष्ण ने गीता में कहा है,

सर्व धर्मान परित्यज्य, माम,एकम, शरणम् ब्रज

श्री मद,भगवद, गीता, श्लोक संख्या 66,अध्याय, अठारह,

पूरी दुनिया मे तीन ही जाति है देव ,दानव और मानव,इसके अलावा दुनिया में कोई जाति नहीं है

धर्म क्या है ये बहुत ही गहन विषय है 

हिंदू ,मुस्लिम सिख ईसाई ये समाज की व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक समुदाय 

विशेष है,

आज जाति और धर्म के नाम पर मनुष्य को 

जो पथ भ्रष्ट किया जा रहा है,ये केवल राजनेतिक जहर है जो समय समय पर नीच 

और संकीर्ण मानसिकता वाले लोगो द्वारा फैलाया जाता है,

अगर एक किसान के खेत में फसल के साथ खरपतवार उग आए तो क्या किसान अपनी सम्पूर्ण फसल को नष्ट कर देता है,जी नहीं

एक कुशल किसान उस खरपतवार का उपचार कर अपनी फसल को बचाता है उस खरपतवार से जो विना बोए ही फसल के बाद उग आता है

इसी तरह कोई भी समुदाय कोई भी समाज 

बुरा नही होता,परंतु नीच और दुष्ट विचारधारा वाले लोग हर समुदाय और समाज में,होते हैं

क्योंकि गलत संगति में रहने के कारण,

एवम सही शिक्षा और संस्कार ना मिल पाने के कारण दुष्ट विचारधारा वाले लोग स्वयं तो दूषित होते ही हैं,साथ में समाज और राष्ट्र में भी जहर फैलाने का कार्य करते हैं,

और इस राजनेतिक जहर की चपेट मे केवल 

बेचारी जनता आती है केवल जनता,

क्रोध और तूफान  दोनो के शांत होने पर ही 

पता लगता हैं की नुकसान कितना हुआ,है,

भारत ही एक ऐसा देश है जिसको भारत माता 

के नाम से संबोधित किया जाता है और किसी भी देश के नाम के आगे माता शब्द का संबोधन नही किया जाता है,और एक माता को सबसे बड़ी प्रसन्नता तब होती हैं जब उसकी सभी संतान प्रेम और शांति पूर्ण तरीके से जीवन जिए,क्योंकि मानव जीवन 84लाख योनियों में सर्व श्रेष्ठ बतलाया गया है,और इस मनुष्य की तरह ही जीना चाहिए,जय हिन्द भारत माता की जय,,बलदेव चौधरी

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