ABSLM 7/10/2023 एस• के• मित्तल
सफीदों, धान की फसल काटे जाने के बाद बचे पराली के अवशेषों को खेतों में जलाने का सिलसिला लगातार जारी है। एसडीएम मनीष कुमार फौगाट के अलावा कृषि विभाग के अधिकारियों ने नंबरदार, पटवारी सहित गांव के किसानों को पराली के अवशेषों को जलाने के प्रति जागरूक किया, लेकिन उसके बाद भी यह सिलसिला बंद नहीं हो रहा है। इसके लिए सरकार द्वारा पराली जलाने से रोकने के लिए जो प्रयास किए जा रहे है। वह भी काम नहीं कर रहे हैं। क्षेत्र के किसानों के द्वारा रात के समय इन अवशेषों में आग लगाई जा रही है। सड़क के किनारे स्थित खेतों में अवशेषों में आग लगाने से धुआं सड़क पर कई किलोमीटर तक फैल जाता है, जिसके कारण वाहन चालकों को मार्ग पर कुछ दिखाई नहीं देता और हादसे होने का खतरा बना रहता है लेकिन किसान हादसों को न्यौता दे रहे है। वहीं इस धुएं से अनेकों प्रकार की नेत्र संबंधी बीमारियां भी बढ़ रही है। दमे के रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दुपहिया वाहन चालकों का धुएं से गुजरना मुश्किल हो जाता है, धुएं में दम घुट जाता है।
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