ABSLM 13/11/2023 एस• के• मित्तल
सफीदों,यहां की एक श्रम ठेकेदार फर्म विश्वनाथ एंड कम्पनी के विश्वनाथ गुप्ता के नाम से दिल्ली के एफसीआई मुख्यालय, पंचकूला के महाप्रबंधक व रोहतक मण्डल के प्रबन्धक को भेजी गई एफसीआई के सफीदों डिपू प्रबन्धक मीना के खिलाफ शिकायत की जांच जींद की साइबर पुलिस ने शुरु की है। ठेकेदार ने बताया कि शिकायत की जांच को पंचकूला व मण्डल कार्यालय रोहतक से आई टीम से जानकारी मिलने पर उसने 29 सितंबर को एक शिकायत सफीदों के सिटी थाना में दी जिसमे उसने कहा कि किसी व्यक्ति ने उसकी फेक ईमेल आईडी बनाकर उसके फर्जी हस्ताक्षर करके यह शिकायत भेजी है। उसने पुलिस से इसकी जांच व संलिप्त व्यक्ति पर कार्रवाई मांगी लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह पुलिस अधीक्षक से मिला जिन्होंने जांच का निर्देश साइबर शाखा को दिया जो इसकी जांच कर रही है। आज जांचकर्ता एएसआई जगदीप सिंह ने बताया कि इस अपराध में प्रयोग की गई ईमेल आईडी की डिटेल्स मंगवाई गई थी। अब इसके लिए सम्बन्धितों को रिमाइंडर भेजा गया है। बता दें कि इस आशय की शिकायत में एफसीआई के स्थानीय डिपू प्रबन्धक भागीरथ मीना पर आरोप लगाया गया है कि वह एफसीआई के एक दर्जन नियमित कर्मचारियों की जगह आम मजदूरों से विभागीय काम ले रहे हैं जिसके लिए मजदूरों को दस हजार रुपये मासिक दिया जा रहा है जबकि नियमित कर्मचारियों से खुद काम ना करने की एवज में 25 हजार रुपये महीना वसूले जा रहे हैं। ऐसी शिकायत में चार महिलाओं सहित ऐसे दस मजदूरों के बाकायदा नाम दिए गए हैं। इस मामले में आरोपी का नाम ना बताते हुए ठेकेदार ने बताया कि एक विभागीय कर्मचारी ने डिपू प्रबन्धक के खिलाफ रंजिशन यह शिकायत उसकी फेक ईमेल आईडी बनाकर भेजी है जिसमे उसके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। आज एफसीआई से बताया कि जिस कर्मचारी पर ऐसा शक हस उसका यहां जे तबादला कर दिया गया है। इसकी पुष्टि करते हुए एफसीआई के मण्डल प्रबन्धक केशव मीना ने बताया कि ठेकेदार ने साइबर को शिकायत दी है जहां से कोई सबूत मिलने पर विभागीय कार्रवाई के जाएगी।
बुजुर्गों को दे रहे बोझा उठाने की छूट
इस पर टिप्पणी करते हुए एफसीआई के स्थानीय डिपू प्रबन्धक भागीरथ मीना ने बताया कि उनके डिपू में तीन महिलाओं सहित सात चतुर्थ श्रेणी कर्मी ऐसे हैं जिनकी सेवानिवृति अत्यंत निकट है। ऐसे लोग शारिरिक मेहनत का काम करने में असमर्थ हैं जो खुद पास बैठकर बोझा उठाने को निजी मजदूरों से काम लेते हैं। मीना ने बताया कि यह मानवीय आधार पर ही हो रहा है, किसी अवैध लेनदेन का आरोप सरासर निराधार है।
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