abslm 19/3/2024 एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों शहर स्थित स्वामी गौरक्षानंद गौशाला का शनिवार को 28वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया। समारोह में स्वामी वजीरानंद सरस्वती का सानिध्य प्राप्त हुआ। इस मौके पर पालिका चेयरपर्सन प्रतिनिधि संजय अधलखा विशेष रूप से मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गौशाला के प्रधान पालेराम राठी ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ हवन व गौ पूजन करके किया गया। इस अवसर पर नगर के घरों से गौ ग्रास इक्ट्ठा करने के लिए ई रिक्शा का स्वामी वजीरानंद ने हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। अपने संबोधन में स्वामी वजीरानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौसेवा का बहुत महत्व है। गौमाता को अद्वितीय माना जाता है और उनकी सेवा करने पर 33 करोड़ देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। हिंदू धर्म में गाय को पूजनीय स्थान प्राप्त है और गाय में देवी-देवताओं का वास होता है। गाय की सेवा करने से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है।
तीर्थ स्थानों में जाकर स्नान दान से जो पुण्य प्राप्त होता है, ब्राह्मणों को भोजन कराने से जिस पुण्य की प्राप्ति होती है, संपूर्ण व्रत-उपवास, तपस्या, महादान तथा हरि की आराधना करने पर जो पुण्य प्राप्त होता है, संपूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा, संपूर्ण वेदों के पढ़ने तथा समस्त यज्ञों के करने से मनुष्य जिस पुण्य को पाता है, वही पुण्य व्यक्ति गौ माता को घास खिलाकर प्राप्त कर लेता है। जो व्यक्ति गौ की सेवा और सब प्रकार से उनका अनुगमन करता है, उस पर संतुष्ट होकर गौ माता उसे अत्यंत दुर्लभ वर प्रदान करती है। गाय के दूध, दही, घी, गोबर रस, गोमूत्र का एक निश्चित अनुपात में मिश्रण पंचगव्य कहलाता है। पंचगव्य का सेवन करने से मनुष्य के समस्त पाप उसी प्रकार भस्म हो जाते हैं। कार्यक्रम के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में सैंकड़ो लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर गौशाला के प्रधान पालेराम राठी, वरिष्ठ उपप्रधान रामेश्वर दास गुप्ता, समाजसेवी शिवचरण गर्ग, महासचिव शैलेंद्र दीवान, रामगोपाल अग्रवाल, तीर्थराज गर्ग, योगी दीपक चौहान, रणबीर सैनी, ओपी सिंगला व रोहताश भारद्वाज मौजूद थे।
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