abslm 25/3/2024 एस• के• मित्तल
सफीदों, वेदाचार्य दण्डीस्वामी डा. निगमबोध तीर्थ महाराज जी के परम् सान्निध्य में नगर की गुरूद्वारा गली स्थित श्री शिव शक्ति कृपा मन्दिर एवं हरि संकीर्तन भवन में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए भागवत भास्कर दीपक भाई जोशी (श्री वृंदावन धाम) ने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं। भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है।
भागवत श्रवण मनुष्य के सम्पूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जब अच्छे कर्मों के लिए आगे बढ़ता है तो सम्पूर्ण सृष्टि की शक्ति समाहित होकर मनुष्य के पीछे लग जाती है ओर हमारे सारे कार्य सफल होते है। ठीक उसी तरह बुरे कर्मो की राह के दौरान सम्पूर्ण बुरी शक्तियॉ हमारे साथ हो जाती है। इस दौरान मनुष्य को निर्णय करना होता कि उसे किस राह पर चलना है। श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा पांच हजार वर्षों से मानव के उद्धार व मुक्ति की कथा बनकर सनातन संस्कृति को अनुप्राणित कर रही है। इस कथा का श्रवण जिस भाव से किया जाता है, सुनने वाले को उसी के अनुसार रस प्राप्त होता है। श्रीमद्भागवत की कथा के श्रवण का सौभाग्य प्राप्त होना दुर्लभ क्षण होता है।
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