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पंजाब के नवांशहर के बलाचौर इलाके में मोटरसाइकिल सवार युवकों ने की रतनदीन सिंह की गोलियां मारकर हत्या बब्बर खालसा टाइगर फोर्स का एक्टिव सदस्य रहे रतनदीप सिंह का था सफीदों के रोहढ गांव से ताल्लुक

abslm  5/4/2024 एस• के• मित्तल   

सफीदों,  बब्बर खालसा टाइगर फोर्स का एक्टिव मेंबर रहे रतनदीप सिंह की पंजाब के नवांशहर के बलाचौर इलाके में मोटरसाइकिल सवार युवकों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। रतनदीप सिंह का ताल्लुक सफीदों उपमंडल के गांव रोहढ़ से है। पुलिस के अनुसार रतनदीप सिंह अपने एक साथी के साथ बलाचौर मेन रोड पर स्थित एक अस्पताल के निकट ढ़ाबे के पास एमजी हेक्टर कार (एचआर-05-बीजे-4505) कार में सवार खड़ा था कि मोटरसाइकिल पर युवक आए जिन्होंने आते ही उस पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसे निकट ही अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। फिलहाल रतनदीप सिंह करनाल में रह रहा था और यहां बलाचौर में किसी काम से आया था। बताया जाता है कि इस हत्या की जिम्मेदारी नवांशहर के नोटोरियस गैंगस्टर गोपी नवांशहरिया ने ली है।

कौन था रतनदीप सिंह
रतनदीप सिंह सफीदों के असंध रोड पर स्थित गांव रोहढ़ का निवासी था। वह इतना शातिर था कि वह पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर कई बार देश से बाहर जा चुका था और उसे पकड़ने के लिए लाखों रूपए की ईनामी राशी घोषित की गई थी। उसे पकड़ने के लिए उसके गांव रोहढ़ के अड्डे पर पुलिस ने विशेष चौंकी भी स्थापित की हुई थी और वह चौंकी काफी लंबे समय तक लगी रही थी। उस पर करीब डेढ दर्जन विभिन्न स्थानों पर दर्ज थे और वह इन मामलों में फारिग होकर शांतिप्रिय जीवन जीने का प्रयास कर रहा था। वह अपने गांव को छोड़कर अपने परिवार सहित सफीदों के खानसर चौंक पर रहने लगा था। फिर वह सफीदों से करनाल के सीएचडी सिटी में बस गया था। उसकी पहले शादी काफी पहले हो चुकी थी और उसकी पत्नी बलजिंद्र कौर व बेटी जोवन जर्मनी में रह रहे हैं। सफीदों में रहने के दौरान उसने दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी शादी से उसको एक बेटा हुआ। वह दूसरी पत्नी व बेट के साथ करनाल में अलग से रह रहा था। इसके अलावा वह करनाल में एक ढ़ाबे का संचालन भी कर रहा था और टैक्सी पर गाड़ियां चलाने का कार्य कर रहा था। अपने बब्बर खालसा टाइगर फोर्स का एक्टिव मेंबर के दौरान वह कमांड़ो था और प्लेन व हैलीकॉप्टर चलाने में उसे महारत हासिल थी। पुलिस द्वारा रतनदीप पर 2011 में ही दस लाख रुपये का ईनाम रखा गया था। उसे रिश्तेदारों ने उसे थाईलैंड के रास्ते बैल्जियम भेजा था। वहीं से रतनदीप की संगत गलत हो गई। वहां से लगभग नौ महीने के बाद वह बाद पाकिस्तान पहुंच गया।
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रतनदीप पर एक्सप्लोसिव एक्ट, एनडीपीएस एक्ट व आर्मस एक्ट के तहत थानेसर, शाहबाद, पानीपत, कैथल, चण्डीगढ़, रोहिणी दिल्ली, पटियाला, अमृतसर, करनाल व सफीदों समेत अनेक स्थानों पर मामले दर्ज थे और वह अधिकतर मामले में बरी भी हो चुका था। वह नाभा जेल में बंद रहा है। उसके खिलाफ सफीदों सदर थाना में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज था। उसके पास से एक पिस्टल माउजर छ: जिंदा कारतूस पाए गए थे और वह मुकद्दमें में फरार चल रहा था। 10 नवंबर 2015 को उसे गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा 3 जुलाई 1999 को भादस की धारा 353, 186, 285 & 25-54-59 आर्म्स एक्ट थाना सदर सफीदों में अन्य मामला दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में रतनदीप सिंह हवाई फायर करता हुआ भाग गया था। इस मुकद्दमें में वह 10 नवंबर 2015 को गिरफ्तार हुआ था। वहीं 9 जुलाई 1999 को एक्सप्लोसिव एक्ट व आर्म्स एक्ट थाना सफीदों में मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में वह 10 नवंबर 2015 को गिरफ्तार किया गया।
 
फोटो कैप्शन 4एसएफडीएम7व8.: रतनदीप सिंह का फोटो। 

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