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पैतृक गांव रोहढ़ में किया गया गैंगस्टर रतनदीप का अंतिम संस्कार संस्कार में ग्रामीणों व रिश्तेदारों ने की शिरकत

abslm 6/4/2024 एस• के• मित्तल   



सफीदों,   बब्बर खालसा टाइगर फोर्स का एक्टिव मैम्बर रहे गैंगस्टर रतनदीप सिंह का उसके पैतृक गांव रोहढ़ में शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। बता दें कि रतनदीप सिंह की पंजाब के नवांशहर के बलाचौर इलाके में मोटरसाइकिल सवार युवकों ने गोलियां मारकर हत्या कर दी गई। रतनदीप सिंह अपने एक साथी के साथ बलाचौर मेन रोड पर स्थित एक अस्पताल के निकट ढ़ाबे के पास एमजी हेक्टर कार कार में सवार खड़ा था कि मोटरसाइकिल पर युवक आए जिन्होंने आते ही उस पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसे निकट ही अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रतनदीप सिंह का पोस्टमार्टम होने के बाद उसके शव को कल करनाल में लाया गया था। वहां से शुक्रवार दोपहर को एंबूलेंस के माध्यम से रतनदीप सिंह के शव को उसके पैतृक गांव रोहढ़ के श्मशान घाट में लाया गया। दाह संस्कार के वक्त काफी तादाद में ग्रामीण व रिश्तेदार मौजूद रहे। वहीं महिलाएं भी काफी तादाद में मौजूद रही। रितिरिवाज के अनुसार रश्में अदा करने के उपरांत रतनदीप सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया। संस्कार के वक्त मौजूद गांव के सरपंच नवदीप सिंह का कहना है कि मनुष्य के जीवन में हालात कई बार उलट हो जाते हैं और जीवन के हालात कुछ भी करवा देते हैं। रतनदीप सिंह का बुरा समय गुजर चुका था और अब वह बेहतर जीवन जी रहा था। उसकी हत्या कैसे हुई और किसने की उसकी जांच होनी चाहिए। वहीं रतनदीप सिंह के पिता जागीर सिंह का कहना था कि वह अधिकतर केसों में बरी हो चख्ुका था और करनाल में अपने बच्चों के साथ अलग से रहता था। वह स्कूल टाईम से ही गलत कामों में पड़ गया था और अब वह अच्छा जीवन जी रहा था। उसकी हत्या की पंजाब पुलिस को गहराई से जांच करनी चाहिए।



कौन था रतनदीप सिंह
रतनदीप सिंह सफीदों के असंध रोड पर स्थित गांव रोहढ़ का निवासी था। वह इतना शातिर था कि वह पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर कई बार देश से बाहर जा चुका था और उसे पकड़ने के लिए लाखों रूपए की ईनामी राशी घोषित की गई थी। उसे पकड़ने के लिए उसके गांव रोहढ़ के अड्डे पर पुलिस ने विशेष चौंकी भी स्थापित की हुई थी और वह चौंकी काफी लंबे समय तक लगी रही थी। उस पर करीब डेढ दर्जन विभिन्न स्थानों पर दर्ज थे और वह इन मामलों में फारिग होकर शांतिप्रिय जीवन जीने का प्रयास कर रहा था। वह अपने गांव को छोड़कर अपने परिवार सहित सफीदों के खानसर चौंक पर रहने लगा था। 


फिर वह सफीदों से करनाल के सीएचडी सिटी में बस गया था। उसकी पहले शादी काफी पहले हो चुकी थी और उसकी पत्नी बलजिंद्र कौर व बेटी जोवन जर्मनी में रह रहे हैं। सफीदों में रहने के दौरान उसने दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी शादी से उसको एक बेटा हुआ। वह दूसरी पत्नी व बेट के साथ करनाल में अलग से रह रहा था। इसके अलावा वह करनाल में एक ढ़ाबे का संचालन भी कर रहा था और टैक्सी पर गाड़ियां चलाने का कार्य कर रहा था। रतनदीप पर एक्सप्लोसिव एक्ट, एनडीपीएस एक्ट व आर्मस एक्ट के तहत थानेसर, शाहबाद, पानीपत, कैथल, चण्डीगढ़, रोहिणी दिल्ली, पटियाला, अमृतसर, करनाल व सफीदों समेत अनेक स्थानों पर मामले दर्ज थे और वह अधिकतर मामले में बरी भी हो चुका था।
 
फोटो कैप्शन 5एसएफडीए1.: गांव रोहढ़ के श्मशान घाट में एकत्रित हुए ग्रामीण।
फोटो कैप्शन 5एसएफडीए2.: गांव रोहढ़ के श्मशान घाट में होता रतनदीप का अंतिम संस्कार।
फोटो कैप्शन 5एसएफडीए3.: शव के पास विलाप करती हुई महिलाएं व परिजन।

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