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राजनीति के जहर के आगे गर्मी का तापमान कुछ भी नहीं

 ABSLM 2/5/2024

आज राजनेतिक जहर इतना बढ़ गया है कि जिसकी जहरीली आग पूरे देश में फेल चुकी है और इस राजनेतिक जहर के तापमान के आगे गर्मी का तापमान तो कुछ भी नहीं कभी भारत वर्ष सौंने की चिड़या कहा जाता था परंतु आज सोना और चिड़िया दोनो ही खतरे के निशान से ऊपर है आज राजनीतिक दलदल में मानवता और भारतीय ससकृति नष्ट होने की कगार पर है और देश का हाल इस कहावत की तरह हो गया है,एक शिकारी प्रतिदिन जंगल में पंछी पकड़ कर लाता और मार कर खाता एक दिन एक संत ने उन पंछियों को शिकारी के जाल में फंसे देख दया आई और एक पंछी समूह को एक बात पढ़ाई,संत ने कहा शिकारी आयेगा जाल बिछाएगा ,दाना डालेगा,खाना मत,फसना मत,सभी पंछी ने इस बात को सीख लिया,अब प्रातः काल शिकारी आया तो सभी पंछी ये बात लगातार बोल रहे थे,शिकारी को बड़ा आचार्य हुआ , अरे आज इनको कोन ये बात पढ़ा गया ,फिर कुछ सोच विचार कर उसने अपना कार्य शुरू कर दिया,अब क्या देखता है जैसे ही शिकारी ने जाल बिछाया दाना डाला,तो सभी पंछी पेड़ से नीचे उतर कर दाना खाने लगे और जाल के अंदर फस गए और बोलते जा रहे हैं शिकारी आयेगा जाल बिछाएगा दाना डालेगा खाना मत फसना मत,और फस गए ,शिकारी देख कर मुस्कराया , आज यही हाल देश का है इस राजनेतिक जहर में सब फस रहे हैं और बोलते भी जा रहे हैं

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