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चाय पर तो चर्चा हुई लेकिन गाय पर चर्चा बंद कर दी गई: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती कहा: गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करे सरकार

abslm 16/03/2025

सफीदों (एस• के• मित्तल) : जोशीमठ उत्तराखंड के ज्योतिष्पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज नगर के महाभारतकालीन नागक्षेत्र मंदिर पहुंचे। जगद्गुरु शंकराचार्य को पालकी के द्वारा कार्यक्रम स्थल पर लाया गया। पालकी के आगे-आगे महिलाएं सिर में कलश लेकर तथा विद्वान ब्राह्मण शंख ध्वनि के बीच वैदिक मंत्रोचारण करते हुए चल रहे थे। जगद्गुरू शंकराचार्य सम्मान समिति सफीदों के संयोजक रामगोपाल अग्रवाल ने जगद्गुरू शंकराचार्य का स्वागत व अभिनंदन किया। वहीं श्रद्धालुओं ने जगद्गुरु शंकराचार्य पादुका पूजन किया। अपने संबोधन में श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है कि देश में चाय पर तो चर्चा हुई लेकिन गाय पर चर्चा बंद कर दी गई। जब से वे शंकराचार्य के पद पर आसीन हुए हैं तब से ही वे देश के माथे से गऊ हत्या का कलंक हटाने और सोए हुए हिंदुओं को जगाने के लिए देशभर में निकले हुए हैं। गौहत्या को बंद करवाने के लिए उन्होंने अपने आप को पूरी तरह से झौंक रखा है। जैसे-जैसे वे इस दिशा में बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे उनके ऊपर कई प्रकार से खतरे बढ़ते चले जा रहे हैं। लोग उन्हे कई उदाहरण देकर चेता भी रहे हैं लेकिन वे हर प्रकार के खतरे को साईड में रखकर गौमाता को उसका सम्मान दिलाने के लिए काम कर रहे हैं। जब तक उनके तन में प्राण तब तक वे गऊ व सनातन की रक्षा में लगे रहेंगे। 


उन्होंने कहा कि गौसेवा और सुरक्षा को लेकर देश के राजनीतिक पार्टियों की कथनी व करनी में भारी अंतर है। ऊपर से तो पार्टियां अनेक प्रकार से गौसेवा का दिखावा करती हैं लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है। देश में गौवंश को काटकर उनका मांस बेचा जा रहा है। सभी पार्टियां नागनाथ व सांपनाथ के समान हैं। पिछले 78 सालों के इतिहास में कोई भी ऐसी पार्टी नहीं आई जिसने हिंदुओं व सनातन के हितों का ख्याल किया हो। अगर वे ख्याल रखती तो आज देश में गौ हत्या बंद हो जाती। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की कथनी व करनी का अंतर उन्हे कतई स्वीकार्य नहीं है। इसलिए वे पिछले 30 दिनों से प्रतीक्षा यात्रा कर रहे हैं और राजनीतिक दलों से सवाल पूछ रहे है कि वे गौ हत्या बंद करने के पक्ष में है या नहीं। इसके लिए उन्होंने आगामी 17 मार्च सायं 5 बजे तक का समय राजनीतिक दलों को दिया है। वे समयावधि में वे बताएं कि वे गौ हत्या के पक्ष में है या विपक्ष में। उन्होंने कहा कि उन्हे किसी राजनीतिक पार्टी या दल से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने तो सभी न्यौता दिया है। वे उसके साथ है तो गाय, गंगा, गीता, गोविंद, सनातन संस्कृति व भारतीय गौरव के साथ खड़ा होगा। जो राजनीतिक दल हिंदू धर्म के मानबिंदुओं के साथ खड़ा नहीं होगा, उससे हिंदू समाज को बचना होगा। देश में ऐसी सरकार को चुने जो सनातन संस्कृति की रक्षा कर सके। उन्होंने कहा कि 17 मार्च को उन्होंने इस विषय को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में एक कार्यक्रम रखा है और उसके लिए उन्होंने विधिवत मंजूरी भी ली हुई थी लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि उस मंजूरी को सरकार के द्वारा निरस्त कर दिया गया। वे पहले ही यह सपष्ट कर चुके थे कि वहां पर उन्होंने लोगों का कोई जमावड़ा नहीं करना था। केवल राजनीतिक दलों की प्रतीक्षा करनी थी। सरकार के द्वारा उनके द्वारा ली गई कार्यक्रम की मंजूरी को जानबूझकर निरस्त कर दिया गया है। इस मंजूरी को निरस्त करने से कोई भी राजनीतिक दल नहीं बच सकता। वे सभी से पूछेंगे कि वे गौ हत्या बंद करने व गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित करने के पक्ष में हैं या नहीं। वे 17 तारीख को दिल्ली में घूमेंगे और दिल्ली में हर राजनीतिक दल के दफ्तर के बाहर से होकर निकलेंगे तथा उनसे पूछेंगे कि वे उनके संकल्प के साथ हैं या नहीं। उसी दिन सायं 5 बजे के बाद अपने अगले कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार व राजनीतिक दल 17 मार्च सायं तक गौमाता को राष्ट्र माता घोषित करने एवं पूरे देश में गौ हत्या पूर्णत: प्रतिबंधित करवाने के पक्ष में आएं अन्यथा वे कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे।


फोटो कैप्शन 16एसएफडीएम3.: सफीदों के महाभारतकालीन नागक्षेत्र मंदिर हॉल में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज।

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