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जीवन एक बहती हुई नदी की तरह हैं जिसमें हर वक्त पानी चलता रहता हैं

  21//03/2025 abslm

जीवन एक बहती हुई नदी की तरह हैं जिसमें हर वक्त पानी चलता रहता हैं। उसी प्रकार इस संसार में कुछ भी स्थायी नहीं रहता चाहे हमारे रिश्ते-नाते हो, अमीरी-गरीबी हो, सुख-दुख हो, बिमारी या परेशानियां अथवा समस्याएं हो, इसलिए हमें अधिक तनाव ग्रस्त नहीं रहना हैं बल्कि जैसी भी परिस्थिति हो, उसे स्वीकार कर लेते हैं। तभी हम सुख पूर्वक जीवन जी सकते हैं। ये शब्द लायन्स क्लब सिरसा अमर के संस्थापक अध्यक्ष स्वामी रमेश साहुवाला ने स्थानीय मारूति मंदिर में सर्वश्रेष्ठ सिलाई-कढ़ाई प्रतियोगिता में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी खराब क्यों ना हो, लेकिन एक-ना-एक दिन जरूर बदल जाती हैं। इसलिए हमें खराब परिस्थितियों के वक्त नहीं घबराना चाहिए क्योंकि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और समय का पता ही नहीं चलता कि कब बदल गया। इसलिए हमें अपने जीवन को आनंदित, उत्साह पूर्वक तथा उमंग से भरपूर बनाना होगा तभी हम इस संसार में आनन्दपूर्वक रह सकते हैं।

श्री साहुवाला ने कहा कि इंसान मकान बदलता हैं, संबंध बदलता हैं, वस्त्र बदलता है फिर भी वह दुखी रहता हैं क्योंकि वह अपने स्वभाव को नहीं बदलता हैं। अगर व्यक्ति अपने आप को बदल ले तो उसके जीवन में खुशियां ही खुशियां आ सकती है। इसलिए हमें कभी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए और ना ही किसी को अपने से तुच्छ समझना चाहिए क्योंकि व्यक्ति शक्तिशाली हो सकता हैं परन्तु समय आपसे अधिक शक्तिशाली हैं। उन्होंने कहा किसी को भी खुश करने का मौका मिलेगा तो हमें उस मौके को नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि वे फरिश्ते ही होते हैं जो किसी  के चेहरे पर मुस्कुराहट दे पाते हैं। इसलिए जीवन में जहां तक हो सके वहां तक शुभ कर्म करना चाहिए तभी हम महान बन सकते है।
उन्होंने कहा वक्त से हारा या जीता नहीं जाता बल्कि सीखा जाता हैं क्योंकि जब हम इस संसार में आते हैं तो हमारा कोई भी मित्र या शत्रु नहीं होता बल्कि हमारा व्यवहार और वाणी ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाती हैं। इसलिए हमें अपनी वाणी को मधुर बनाना होगा तभी हमारे रिश्ते मधुर रह सकते हैं।
इससे पूर्व सेंटर की संचालिका रजनी एवं दीपा ने मुख्यातिथि स्वामी रमेश साहुवाला का स्वागत किया तथा उन्होंने प्रतियोगिता करवाने के लिए धन्यवाद किया और बताया कि इस प्रतियोगिता में सबसे अच्छी सिलाई-कढ़ाई पूनम ने की थी। उन्होंने बताया कि पूनम के अलावा नीलम, आशा और भावना ने भी सुन्दर सिलाई कढ़ाई कर रखी थी। उन्होंने मुख्यातिथि स्वामी रमेश साहुवाला को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर सीजल, नीलम, आशा, सुमन, सीता, रीना, निशा, सोनम, रचना, गजल, रंजु् पारूल उपस्थित थे।

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